ठाकुर भूपेंद्र सिंह, अहमदाबादReport On Road Accident Deaths In Gujarat: देशभर में हर रोज सड़क हादसों में लोग मारे जाते हैं। कभी तेज रफ्तार, कभी हेलमेट लगाना तो कभी शराब पीकर गाड़ी चलाना इसकी वजह बनते हैं। सड़क हादसों में हर साल लाखों लोग काल का ग्रास बन जाते हैं। केंद्र सरकार ने देशभर में हुए सड़क हादसों को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। यह रिपोर्ट सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने जारी की है, जिसके मुताबिक, गुजरात में पिछले साल सड़क दुर्घटओं में 7618 से अधिक लोगों की मौत हुई, कुल सड़क हादसों में मरने वालों में से 15 फीसदी लोग तेज रफ़्तार के कहर की वजह से मारे गए हैं।
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एक साल में 15751 सड़क हादसे हुए
गुजरात में पिछले कुछ सालों में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में काफी ज्यादा बढ़ोतरी देखी गई है। केंद्र सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं और उनमें हुई मौतों के जो आंकड़े पेश किए हैं, वे काफी चौंकाने वाले हैं। सबसे ज्यादा मौतें ओवरस्पीडिंग की वजह से हुई हैं। केंद्र सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, साल 2022 में पूरे गुजरात में 15751 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 7168 लोगों की मौत हुई। आंकड़ों के मुताबिक, ज्यादातर दुर्घटनाओं का कारण तेज रफ्तार है। सड़क दुर्घटनाओं में हर दिन लगभग 43 लोगों की मौत हो जाती है, जिसमे 95% दुर्घटनाओं का कारण ओवरस्पीड पाया गया है। इस एक साल में बिना हेलमेट के हुए हादसों में 1814 लोगों की मौत हुई। 891 लोगों की मौत सीट बेल्ट न लगाने से हो चुकी है।
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पैदल चलने वाले लोग भी सेफ नहीं
गुजरात में एक साल में 2209 हिट एंड रन की घटनाओं में 1429 लोगों की मौत हो चुकी है। सड़क हादसों में फुटपाथ या सड़क के किनारे पैदल चलने वाले भी सलामत नहीं हैं। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल वाहनों की टक्कर से 1568 पैदल चलने वालों की मौत हुई है। वही 161 साइकिल चालकों को जान से हाथ धोना पड़ा है। केंद्र द्वारा जारी यह आंकड़े काफी ज्यादा परेशान करने वाले हैं। ऐसे में रफ़्तार का कहर, जिसे तरह से लोगों पर मौत बनाकर टूटता है, उसे रोकने की सबसे ज्यादा जरूरत है।