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Flood In UP: खतरे के निशान को पार कर गईं गंगा और यमुना, कोठियों में भरा खड़ा है गंदा पानी

प्रयागराजः पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश के कारण उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों में बाढ़ आ गई है। प्रयागराज में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है, क्योंकि रविवार शाम को गंगा और यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी। अधिकारियों ने बताया कि दोनों नदियां खतरे के निशान 84.734 मीटर […]

प्रयागराजः पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश के कारण उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों में बाढ़ आ गई है। प्रयागराज में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है, क्योंकि रविवार शाम को गंगा और यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी। अधिकारियों ने बताया कि दोनों नदियां खतरे के निशान 84.734 मीटर से एक मीटर ऊपर बह रही हैं। शाम 6 बजे तक दोनों नदियों में हर दो घंटे में दो सेंटीमीटर की दर से पानी का स्तर बढ़ रहा है।

लगभग 13 हजार लोगों को शिविरों में ठहराया

प्रभावित इलाकों के लोगों को प्रशासन ने राहत शिविरों में पहुंचाया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबित रविवार दोपहर तक 505 बच्चों समेत 1,327 परिवारों के करीब 6,200 लोगों ने 19 राहत शिविरों में शरण ली थी। शाम 6 बजे तक 550 बच्चों समेत 1,401 परिवारों के लगभग 6,512 लोगों को 21 राहत शिविरों में भेजा गया है। आपको बता दें कि रविवार सुबह 8 बजे फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 85.71 मीटर दर्ज किया गया। जो शाम 4 बजे तक बढ़कर 85.77 मीटर और शाम 6 बजे तक 85.81 मीटर तक पहुंच गया। इसी तरह छतनाग में गंगा सुबह 8 बजे 84.89 मीटर पर बह रही थी, जबकि शाम 4 बजे जल स्तर 85.05 मीटर तक पहुंच गया।

लगातार बढ़ रहा गंगा और यमुना में पानी

वहीं नैनी में सुबह 8 बजे यमुना 85.67 मीटर पर बह रही थी। शाम 4 बजे नदी का पानी 85.05 मीटर पर था जबकि शाम 6 बजे तक जलस्तर 85.82 मीटर पर पहुंच गया। प्रयागराज में दोनों नदियों का खतरे का स्तर 84.734 मीटर है। गंगा ने 1978 में फाफामऊ में गंगा के लिए 97.980 मीटर, छतनाग में 88.030 मीटर और नैनी में 97.990 मीटर पानी के स्तर को मापा गया था। बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों को उम्मीद है कि दोनों नदियां अगले 12 घंटों में अपनी विकराल स्थिति से वापस सामान्य स्थिति में लौट आएंगी। नदियों के जलस्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है।

24 घंटे दोनों नदियों के जलस्तर पर रखी जा रही है नजर

कार्यकारी अभियंता बृजेश कुमार वर्मा ने कहा, गंगा और यमुना की सहायक नदियां अब स्थिर हैं, जो एक राहत की बात है। फिर भी हमें अगले 24 घंटों तक सतर्क रहना होगा, क्योंकि सोमवार से ही पानी कम होना शुरू हो सकता है। सभी प्राकृतिक आपदाओं से संबंधित मामलों के जिला नोडल प्रभारी एडीएम (वित्त और राजस्व) जगदंबा सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावित शहरी और ग्रामीण इलाकों के पास राहत शिविर लगाए गए हैं। प्रशासन राहत सामग्री वितरित कर रहा है। अधिकारी ने बताया कि लोगों की मदद के लिए 269 नावों को भी तैनात किया गया है।


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