कैश कांड में फंसे दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर के अंदर की तस्वीरें और वीडियो रिलीज किए गए हैं। इन तस्वीरों और वीडियो में स्टोररूम में रखे नोट दिखाई दे रहे हैं, जो आग लगने से जल गए। जस्टिस के घर में मिले इतने कैश की जांच के लिए एक कमेटी गठित की गई है, जो यह पता लगाएगी कि इतना कैश किसका है, कहां से आया? किसने डिलीवर किया और किसने रिसीव किया? इतने कैश से क्या किया जाना था?
जांच कमेटी में पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जीएस संधावालिया और कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अनु शिवरामन शामिल है। दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अपनी रिपोर्ट दे चुके हैं, जिसमें यशवंत वर्मा के अभी कोई केस नहीं सौंपने की सिफारिश की गई है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर इन वीडियो और तस्वीरों को शेयर किया गया।
दिल्ली के जस्टिस ने अपनी रिपोर्ट में यह बताया
दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि उनकी जस्टिस वर्मा से बात हुई थी। 17 मार्च को सुबह करीब साढ़े बजे वे दिल्ली हाईकोर्ट के गेस्ट हाउस में मिले थे। जस्टिस वर्मा ने उन्हें बताया कि घर के जिस स्टोररूम में आग लगी है, उनमें पुराना फर्नीचर और बिस्तर रखा था। इस कमरे में अकसर नौकर, माली और CPWD के कर्मचारी ठहरते थे। जब घर में आग लगी, तब जस्टिस वर्मा भोपाल में थे। बेटी ने उन्हे आग लगने के बारे में बताया।
उसने व्हाट्सऐप पर फोटो-वीडियो भेजे थे। कमरे में रखा सारा सामान जल चुका था। उन्होंने अपने खिलाफ साजिश रचे जाने की आशंका जताई है। पुलिस कमिश्नर की रिपोर्ट कहती है कि 15 मार्च की सुबह कमरे में आग लगी थी, उसमें से फायर कर्मियों की मदद से जली हुई चीजें हटा दी गई थीं। जांच में यह भी पता चला कि इस कमरे में नौकर, माली और CPWD के कर्मचारियों के अलावा कोई और नहीं आया। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आग कैसे लगी? आग लगी या लगाई गई?