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नाबालिग यौन शोषण मामले में बृजभूषण को राहत: दिल्ली पुलिस को जांच में नहीं मिले सबूत, कोर्ट से पॉक्सो केस रद्द करने की अपील

WFI Chief Vs wrestlers Case: बृजभूषण-नाबालिग यौन शोषण मामले में नया मोड़ आ गया है। दिल्ली पुलिस को जांच के दौरान नाबालिग की ओर से बृजभूषण के खिलाफ लगाए गए आरोपों में कोई सच्चाई नहीं मिली है। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में 550 पेज की कैंसिलेशन रिपोर्ट दाखिल की है। मांग की गई है […]

WFI Chief Vs wrestlers Case: बृजभूषण-नाबालिग यौन शोषण मामले में नया मोड़ आ गया है। दिल्ली पुलिस को जांच के दौरान नाबालिग की ओर से बृजभूषण के खिलाफ लगाए गए आरोपों में कोई सच्चाई नहीं मिली है। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में 550 पेज की कैंसिलेशन रिपोर्ट दाखिल की है। मांग की गई है कि बृजभूषण के खिलाफ लगाए गए पॉक्सो एक्ट का मामला वापस लिया जाए। सुनवाई की अगली तारीख 4 जुलाई है। बता दें कि कैंसिलेशन रिपोर्ट उन मामलों में दायर की जाती है जब कोई पुष्टिकारक साक्ष्य नहीं मिलता है। उधर, दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों में दो अदालतों में चार्जशीट दाखिल की। पहली चार्जशीट 6 बालिग महिला पहलवानों की शिकायत पर दर्ज केस में रॉउज एवन्यू कोर्ट में दाखिल की गई, जबकि दूसरी चार्जशीट पटियाला कोर्ट में नाबालिग की शिकायत पर दर्ज केस में दाखिल की गई है।

दिल्ली पुलिस ने क्या कहा?

दिल्ली पुलिस ने कहा कि POCSO मामले में जांच पूरी होने के बाद, हमने शिकायतकर्ता यानी नाबालिग पीड़िता के पिता और स्वयं पीड़िता के बयानों के आधार पर मामले को रद्द करने का अनुरोध करते हुए धारा 173 CrPC के तहत एक पुलिस रिपोर्ट प्रस्तुत की है। दिल्ली पुलिस पीआरओ सुमन नलवा ने कहा कि हमने बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ धारा 354, 354-A एवं D के अंतर्गत चार्जशीट दाखिल की है और विनोद तोमर के ख़िलाफ़ धारा 109, 354, 354 (A), 506 के ख़िलाफ़ चार्जशीट दायर की है। हमने POCSO में शिकायतकर्ता और कथित आरोपी के बयान के तहत कैंसिलेशन रिपोर्ट दाखिल की है। वहीं, डब्ल्यूएफआई के पूर्व प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों में चार्जशीट पर विशेष लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव का कहना है कि आईपीसी की धारा 354, 354डी, 354ए और 506 (1) के तहत चार्जशीट दायर की गई है।

बयान से पलट गई थी नाबालिग पहलवान

बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली नाबालिग अपने बयान से पलट गई। उसने कहा कि उसने डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ मामला दायर किया क्योंकि वह चयनित नहीं होने से नाराज थी। नाबालिग पहलवान के हवाले से सूत्रों ने कहा, "मेरा चयन नहीं हुआ था। मैंने बहुत मेहनत की थी। मैं अवसाद में थी। इसलिए गुस्से में मैंने यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया।" बता दें कि 7 जून को केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि इस मामले में 15 जून तक चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी। इस आश्वासन के बाद पहलवानों ने अपना विरोध प्रदर्शन स्थगित कर दिया। दिल्ली पुलिस ने पांच देशों के कुश्ती महासंघों को पत्र लिखकर बृजभूषण सिंह से जुड़े कथित यौन उत्पीड़न की घटनाओं के बारे में जानकारी मांगी है। महासंघों ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन एक बार जब वे जवाब देंगे, तो पुलिस एक पूरक आरोपपत्र दाखिल करेगी। जांच दल ने पांच देशों में कुश्ती संघों को नोटिस भेजे हैं और उनसे टूर्नामेंट के फोटो, वीडियो और सीसीटीवी फुटेज और उन जगहों का अनुरोध किया जहां पहलवान अपने मैचों के दौरान रुके थे।

पिछले शुक्रवार को कुश्ती महासंघ के कार्यालय गई थी महिला पहलवान

दिल्ली पुलिस शुक्रवार को आरोपों की जांच के तहत एक महिला पहलवान को कुश्ती निकाय प्रमुख के कार्यालय ले गई। पहलवान के साथ महिला पुलिस अधिकारियों की एक टीम भी थी। बता दें कि बृजभूषण सिंह के सरकारी आवास में कुश्ती महासंघ का कार्यालय है। महिला पुलिसकर्मियों के साथ पहलवान दोपहर डेढ़ बजे डब्ल्यूएफआई कार्यालय पहुंचे। उन्होंने वहां आधा घंटा बिताया, इस दौरान पहलवान को कथित उत्पीड़न के दृश्य को फिर से बनाने और उन जगहों को याद करने के लिए कहा गया जहां उन्हें परेशानी महसूस हुई। आरोपों की चल रही जांच के तहत, विशेष जांच दल (एसआईटी) ने 180 से अधिक लोगों से पूछताछ की है और सिंह के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की है।


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