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क्या हैं पिंक कार्ड? जो दिल्ली की बसों में मुफ्त सफर के लिए जरूरी, गुलाबी टिकटें होंगी खत्म

अब दिल्ली की महिलाओं के लिए बसों में मुफ्त यात्रा करना और भी आसान और तकनीकी रूप से सुरक्षित होगा। दिल्ली सरकार ने महिलाओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए दिल्ली की बसों में फ्री में यात्रा करने के लिए 'पिंक कार्ड' के इस्तेमाल का ऐलान किया है...

दिल्ली सरकार ने महिलाओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक नई पहल की घोषणा की है। अब दिल्ली की महिलाएं बसों में मुफ्त यात्रा के लिए पुराने पिंक टिकटों की जगह “पिंक पास” या सहेली कार्ड का इस्तेमाल करेंगी। यह योजना मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने गुरुवार को नंद नगरी डिपो में एक ऑटोमेटेड टेस्टिंग सेंटर का उद्घाटन करते हुए घोषित की। आइए जानते हैं आखिर पिंक पास कैसे और किसे मिलेगा...

किसे मिलेगा पिंक पास?

यह नया पास सिर्फ उन्हीं महिलाओं को मिलेगा जो दिल्ली की निवासी हों। साथ ही, ट्रांसजेंडर निवासियों को भी इसका लाभ मिलेगा। दिल्ली सरकार का उद्देश्य है कि इस सुविधा का लाभ सिर्फ योग्य और असली लाभार्थियों को ही मिले। मुख्यमंत्री गुप्ता ने यह भी बताया कि पिछली सरकार के दौरान कई ऐसे लोग लाभ उठा रहे थे जो पात्र नहीं थे, इसलिए इस नए सिस्टम से पारदर्शिता बढ़ेगी।

कैसे मिलेगा पिंक पास?

डीटीसी (दिल्ली परिवहन निगम) की वेबसाइट पर जाकर कोई भी योग्य महिला ऑनलाइन आवेदन कर सकती है। आवेदन के समय आपको कुछ जरूरी दस्तावेज़ जमा करने होंगे, जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, दिल्ली में निवास प्रमाण, पासपोर्ट साइज फोटो और बैंक KYC के दस्तावेज। इन दस्तावेजों के सत्यापन के बाद ही आपको यह कार्ड जारी किया जाएगा। ये भी पढ़ें: Ghaziabad News: शनिवार रात से डीएमई को काशी टोल प्लाजा से दिल्ली गेट तक किया जाएगा वन-वे, जानिए क्या है प्लान

क्या है सहेली कार्ड?

सहेली कार्ड को दो प्रकारों में बांटा गया है – KYC वेरिफाइड कार्ड और नॉन-KYC कार्ड।
  • नॉन-KYC सहेली कार्ड: यह कार्ड उन लड़कियों और महिलाओं को मिलेगा जिनकी उम्र 12 वर्ष या उससे अधिक है। इस कार्ड से वे दिल्ली की सरकारी बसों में मुफ्त सफर कर सकेंगी।
  • KYC-सत्यापित सहेली कार्ड: इस कार्ड में महिला का नाम और फोटो भी शामिल होगा। आवेदन के समय पूरी जानकारी और बैंक से KYC प्रक्रिया पूरी करनी होगी। यह कार्ड सुरक्षित और विशिष्ट होगा, जिससे दुरुपयोग की संभावना कम होगी। दोनों कार्ड नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC) के मानकों पर आधारित होंगे।
 


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