Coloured Gas Canisters Used In Parliament Security Breach: दिल्ली में नए पार्लियामेंट हाउस में सदन की कार्यवाही के दौरान अचानक 2 अनजान शख्स घुस गए और उन्होंने पूरे सदन में धुंआ-धुंआ कर दिया। दोनों शख्स अचानक लोकसभा की गैलरी में पहुंच गए और उन्होंने एक कनस्तर खोल दिया, जिससे पीले रंग का धुंआ निकलने लगा। यह देखकर सदन में अफरा तफरी मच गई। सुरक्षा कर्मियों ने दोनों युवकों को दबोच लिया। इसमें सदन में मौजूद विधायकों ने भी उनकी मदद की। इस पूरे मामले में संसद के सुरक्षा कर्मियों की लापरवाही सामने आई है, लेकिन उससे भी बड़ा सवाल यह है कि आखिर वह पीले रंग की गैस क्या थी और वह कितनी खतरनाक थी?
क्या हैं रंगीन गैस छोड़ने वाला कनस्तर?
संसद पर हमले में इस्तेमाल हुई रंगीन गैस छोड़ने वाला कनस्तर एक प्रकार का स्मोक कैन या स्मोक बम है, जो हर देश में वैध है और आसानी से मार्केट में मिल जाते हैं। इनका इस्तेमाल आर्मी कैंपेन, स्पोर्ट्स इवेंट्स और फोटोशूट कराने में किया जाता है। इससे धुंआ करके बैकग्राउंड को अलग-अलग बदलाव करके तस्वीरें क्लिक जाती हैं, जो अच्छी आती हैं। आजकल शादियों में स्टेज पर जयमाला के समय इनका इस्तेमाल बढ़ गया है। पुलिस और सेना के जवान दुश्मनों की नजरों से बचने के लिए और सुरक्षा के लिहाज से स्मोक कैन प्रयोग किया जाता है। स्मोक कैन या स्मोक बम एक प्रकार का स्टील सिलेंडर होता है, जिसमें 4 छेद होते हैं। फिलर में 250 से 350 ग्राम रंग भरा जाता है, जिसमें ज्यादातर पोटेशियम क्लोरेट, लैक्टोज और एक डाई होती है। हालांकि इनका इस्तेमाल सिर्फ धुंआ करने के लिए किया जाता है, यह खतरनाक नहीं होते, लेकिन आंखों और नाकों में जलन कर सकते हैं।
दिल्ली पुलिस के रिमांड पर चारों आरोपी
संसद पर हमला करने वाले चारों आरोपी इस समय दिल्ली पुलिस के रिमांड में हैं। 15 दिन का रिमांड मिला है, ताकि इस तरह संसद में घुसने और धुंआ छोड़ने का मकसद पता लगाया जा सके। चारों आरोपियों की पहयान लखनऊ निवासी सागर शर्मा के रूप में हुई। मनोरंजन डी मैसूर का रहने वाला है। तीसरा आरोपी जींद का रहने वाला नीलम है। चौथा आरोपी महाराष्ट्र के लातूर का अमोल शिंदे है। चारों आरोपियों ने गुरुग्राम के एक फ्लैट में कमरा किराए पर ले रखा था। इसी दौरान उन्होंने ‘स्मोक अटैक’ की प्लानिंग की। चारों एक दूसरे को पिछले 2 साल से जानते हैं।