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Republic Day 2023: कर्तव्यपथ पर दिखी भारतीय सेना की ताकत; अर्जुन टैंक के अलावा हेलिना और ब्रम्होस का हुआ प्रदर्शन

Republic Day 2023: कर्तव्य पथ पर परेड के दौरान भारतीय सेना ने अपनी ताकत का जमकर प्रदर्शन किया। परेड में अर्जुन टैंक से लेकर हेलिना और ब्रह्मोस मिसाइल का प्रदर्शन किया गया। 61 कैवलरी की वर्दी में सेना की टुकड़ी शामिल हुई। पहली टुकड़ी का नेतृत्व कैप्टन रायजादा शौर्य बाली ने किया। बता दें कि […]

Republic Day 2023: कर्तव्य पथ पर परेड के दौरान भारतीय सेना ने अपनी ताकत का जमकर प्रदर्शन किया। परेड में अर्जुन टैंक से लेकर हेलिना और ब्रह्मोस मिसाइल का प्रदर्शन किया गया। 61 कैवलरी की वर्दी में सेना की टुकड़ी शामिल हुई। पहली टुकड़ी का नेतृत्व कैप्टन रायजादा शौर्य बाली ने किया। बता दें कि 61 कैवलरी दुनिया में एकमात्र सेवारत एक्टिव घुड़सवार कैवेलरी रेजिमेंट है। परेड के दौरान भारतीय सेना की टुकड़ी ने युद्धक टैंक अर्जुन, नाग मिसाइल सिस्टम (NAMIS), BMP-2 SARATH का इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल, क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल, K-9 वज्र-ट्रैक्ड सेल्फ-प्रोपेल्ड होवित्जर गन, ब्रह्मोस मिसाइल, 10 मीटर शॉर्ट स्पैन ब्रिज, मोबाइल माइक्रोवेव नोड और मैकेनाइज्ड कॉलम में मोबाइल नेटवर्क सेंटर और आकाश मिसाइल का प्रदर्शन किया।

अर्जुन टैंक के बारे में जानें सबकुछ

इंडियन आर्मी के पास 2004 से अब तक ये टैंक अपनी सेवाएं दे रहा है। देश में इस 120 मिलीमीटर बैरल वाले टैंक की कुल संख्या 141 है। इस टैंक के दो वैरिएंट हैं जिनमें MK-1 और MK-1A शामिल है। MK-1 साइज में MK-1A से छोटा है। दोनों ही टैंकों में चार क्रू मेंबर्स बैठ सकते हैं। अर्जुन टैंक के दोनों वैरिएंट से एक मिनट में 6 से 8 राउंड फायरिंग की जा सकती है। हर एक टैंक में 42 गोले रखे जा सकते हैं। इस घातक टैंक की रेंज 450 किलोमीटर है।

हेलिना मिसाइल के बारे में जानें सबकुछ

हेलिना मिसाइल में इंफ्रारेड इमेजिंग सीकर (IIR) तकनीक लगी है जो इसे गाइड करती है। ये दुनिया के बेहतरीन अत्याधुनिक एंटी-टैंक हथियारों में से एक है। इसे ध्रुवास्त्र (Dhruvastra) भी कहते हैं। इसे पहले 'नाग' मिसाइल (Nag Missile) के नाम से जाना जाता था। भारत में बनी ये मिसाइल 230 मीटर प्रति सेकेंड की स्पीड से चलती है। इस घातक मिसाइल की रेंज 500 मीटर से लेकर 20 किलोमीटर तक है। ये इतनी घातक है कि इसे किसी भी तरह के मौसम में दुश्मन पर दागा जा सकता है। इस मिसाइल को ध्रुव हेलिकॉप्टर, एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर समेत अन्य लड़ाकू हेलिकॉप्टरों में लगाया जा सकता है।

ब्रह्मोस मिसाइल के बारे में जानें सबकुछ

भारतीय सेना की ब्रह्मोस मिसाइल काफी इंटेलिजेंट मानी जाती है। ये मिसाइल हवा में ही रास्ता बदलने में सक्षम है। ये 10 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम है। इसे मार गिराना लगभग अंसभव है। इसकी एक खासियत ये भी है कि ये मिसाइल अमेरिका के टोमाहॉक मिसाइल से दोगुनी गति से उड़ती है। बता दें कि ब्रह्मोस मिसाइल के चार नौसैनिक वैरिएंट्स हैं। सबमरीन से लॉन्च की जाने वाली ब्रह्मोस 200KG वॉरहेड ले जा सकती है। इसकी रफ्तार 4321 KM प्रतिघंटा की है।


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