Ballot Box Safety Measures: दिल्ली और मिल्कीपुर में बुधवार को वोटिंग के बाद से ही चुनाव आयोग सवालों के कठघरे में है। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब चुनाव आयोग पर उंगलियां उठ रही हैं। इससे पहले भी कई विपक्षी पार्टियां चुनाव आयोग पर पक्षपात का आरोप लगा चुकी हैं। ऐसे में सवाल ये है कि वोटिंग के बाद EVM और बैलेट बॉक्स कितने सेफ होते हैं? क्या सचमुच इनमें धांधली की गुंजाइश होती है?
स्ट्रांग रूम में 3 लेयर सिक्योरिटी
नई दिल्ली के डीएम सनी कुमार सिंह ने बैलेट बॉक्स की सुरक्षा का जिक्र करते हुए बताया कि वोटिंग के बाद सभी बैलेट बॉक्स को एक स्ट्रांग रूम में रखा गया है। इस स्ट्रांग रूम में 3 लेयर सिक्योरिटी की व्यवस्था है। सभी स्ट्रांग रूम्स को सील किया गया है। सिक्योरिटी पूरी तरह से अलर्ट है। साथ ही वहां पर फायर इंस्टिंग्विशर भी मौजूद है। 6 एसी हैं और सभी के अपने-अपने स्ट्रांग रूम हैं। बाहर सभी राजनीतिक पार्टियों के लोग भी बैठे हुए हैं। वो CCTV की मदद से सबकुछ देख रहे हैं।
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स्ट्रांग रूम्स की 2 चाबियां
चुनाव आयोग पर लगे आरोपों की बात करते हुए सनी सिंह ने कहा कि अगर राजनीतिक पार्टियों के नुमाइंदें खुद ही बैठे हैं और लगातार वो अंदर की चीजें देख रहे हैं। इन स्ट्रांग रूम्स की 2 चाबियां होती हैं। पहली चाबी DO के पास होती है और दूसरी चाबी RO के पास रहती है।
छेड़छाड़ की संभावना नहीं
डीएम सनी सिंह ने एक और चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि बैलेट बॉक्स पर लगी सीलों पर राजनीतिक पार्टियां अपनी सील लगाकर हस्ताक्षर करती हैं। इसलिए इसमें छेड़छाड़ की कोई संभावना हो ही नहीं सकती है। 3 लेयर सिक्योरिटी इतनी स्ट्रांग है कि इसके साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है।
विपक्ष ने उठाए थे सवाल
बता दें कि बुधवार को दिल्ली की 70 सीटों पर विधानसभा चुनाव देखने को मिले थे। वहीं यूपी की मिल्कीपुर सीट पर भी उपचुनाव हुए थे। ऐसे में कई विपक्षियों पार्टियों ने चुनाव आयोग पर मतदान के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है। वहीं EVM और बैलेट बॉक्स को लेकर भी विपक्ष अक्सर सवाल खड़े करता रहता है।
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