Anti Sikh Riots: कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सिख विरोधी दंगों में हुई दो हत्याओं के मामले में दोषी करार दिया गया है। 1984 सिख विरोधी दंगों के दौरान दिल्ली के सरस्वती विहार में जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह का मर्डर हुआ था। कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार की सजा पर 18 फरवरी को बहस होगी। मामला 1 नवंबर 1984 का है, कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाया है। पूर्व सांसद के खिलाफ IPC की धारा 147/148/149/302/308/323/395/397/427/436/440 के तहत केस दर्ज किया गया था।
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विशेष जांच दल (SIT) के अनुसार सज्जन कुमार भीड़ की अगुआई कर रहे थे, उनके उकसाने पर भीड़ ने दो सिखों को जिंदा जला दिया था। इस दौरान घर में घुसकर तोड़फोड़ भी की गई थी। घरेलू सामान लूट लिया गया था। भीड़ ने पीड़ितों के घर जला दिए थे। कई लोगों को गंभीर चोटें पहुंचाई गई थीं। 1 नवंबर को 2023 को कोर्ट में सज्जन कुमार के बयान दर्ज किए गए थे, जिसमें उन्होंने खुद को निर्दोष बताया था। उनके वकील ने दलीलें दी थीं कि गवाह ने 16 साल बाद सज्जन कुमार का नाम लिया। सज्जन कुमार फिलहाल दिल्ली कैंट में सिख विरोधी दंगों के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।
1980 में बने थे सांसद
सज्जन कुमार 23 सितंबर 1945 को दिल्ली में पैदा हुए थे। बताया जाता है कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। शुरुआत में उन्होंने चाय बेचकर गुजारा किया। 70 के दशक में उनकी रुचि राजनीति में बढ़ी। दिल्ली का नगरपालिका चुनाव जीतने के बाद वे संजय गांधी के करीब आए थे। 1980 में उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा और पहली बार में दिल्ली के सीएम रहे ब्रह्मा प्रकाश को हरा दिया। इसके बाद सज्जन कुमार देशभर में चर्चित हुए थे।
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लोकसभा चुनाव के बाद संजय गांधी ने अपना पांच सूत्रीय कार्यक्रम शुरू किया था। इसमें संजय कुमार को अहम जिम्मेदारी दी गई थी। 31 अक्टूबर 1984 को पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई थी। उनके सिख बॉडीगार्ड्स ने पूर्व पीएम को गोलियों से छलनी कर दिया था। हत्या के बाद दिल्ली और आसपास के इलाकों में सिख विरोधी दंगे भड़क गए थे। इन दंगों में सैकड़ों सिख मारे गए थे।