दिल्ली पुलिस के अलग-अलग रैंक में बड़ी संख्या में पद रिक्त होने का मामला सामने आया है. गृह मंत्रालय ने सांसद प्रकाश चिक के द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में राज्यसभा में जानकारी दी कि 30 नवंबर 2025 तक दिल्ली पुलिस की कुल स्वीकृत पदों की संख्या 94,044 है, जबकि इसमें से लगभग 9 फीसदी यानि 9,248 पद खाली हैं.
यह जानकारी गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में एक अतारांकित प्रश्न के लिखित उत्तर में दी. प्रश्न सांसद प्रकाश चिक बरैक द्वारा पूछा गया था.
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सरकार द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, शीर्ष स्तर पर कमिश्नर ऑफ पुलिस, स्पेशल सीपी, जॉइंट सीपी और एडिशनल सीपी के सभी पद भरे हुए हैं. हालांकि, मध्य और निचले स्तर पर रिक्तियों की संख्या अधिक है.
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आंकड़ों के मुताबिक डीसीपी/एडिशनल डीसीपी के 60 स्वीकृत पदों में से 13 पद खाली हैं. वहीं एसीपी स्तर पर 346 में से 125 पद, इंस्पेक्टर के 1,453 में से 108 पद, और सब-इंस्पेक्टर के 8,087 में से 1,039 पद रिक्त हैं.
सबसे अधिक रिक्तियां निचले रैंकों में दर्ज की गई हैं. हेड कांस्टेबल के 23,724 स्वीकृत पदों में से 3,057 और कांस्टेबल के 50,946 पदों में से 4,591 पद खाली हैं.
गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि पदों का खाली होना एक डायनेमिक प्रक्रिया है, जो सेवानिवृत्ति, पदोन्नति और इस्तीफों पर निर्भर करती है. रिक्तियों की जानकारी नियमित रूप से भर्ती एजेंसियों को भेजी जाती है और लिखित परीक्षा, शारीरिक परीक्षण तथा मेडिकल जांच के बाद नियुक्तियां की जाती हैं.
सरकार ने यह भी बताया कि भर्ती प्रक्रिया लगातार जारी है और रिक्त पदों को भरने के प्रयास किए जा रहे हैं. हाल ही में दिल्ली में लाल किले के पास विस्फोट हुआ था, ऐसे में निचले रैंक के पद जिन्हें फ्रंटलाइन पुलिसकर्मी कहा जाता है उनकी संख्या में कमी होना चिंता की बात है.