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Delhi News: 2 साल बाद पकड़ा गया फर्जी ट्रांसपोर्टर, पुलिस से बचने के लिए करता था ये काम

Delhi News: दिल्ली पुलिस की साइबर टीम ने एक ऐसे जालसाज अपराधी को गिरफ्तार किया है, जो खुद को ट्रांसपोर्टर बताकर लोगों के साथ धोखाधड़ी करता था। आरोपी पिछले 2 साल से फरार चल रहा था। पढ़ें दिल्ली से राहुल प्रकाश की रिपोर्ट...

जालसाज अपराधी गिरफ्तार (X)
Delhi News: दिल्ली के रोहिणी से पुलिस ने एक ऐसे जालसाज अपराधी को गिरफ्तार किया है, पिछले 2 साल से फरार चल रहा था। यह अपराधी खुद को ट्रांसपोर्टर बताकर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए लोगों के साथ धोखा और ठगी कर रहा था। एक महिला की शिकायत पर पुलिस ने एक्शन लिया। इस जालसाज को पकड़ने के लिए पुलिस एक स्पेशल टीम का गठन किया। पूछताछ के दौरान जालसाज से खुद कबूल किया कि उसने इस तरीके से कई लोगों को ठगा है। आरोपी पुलिस शिकायत से बचने के लिए हमेशा छोटी रकम के साथ धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम देता था।

रोहिणी से गुवाहाटी तक की डिलीवरी

आरोपी की पहचान रोहित (28) के रूप में हुई है, जो राजस्थान के झुंझुनू का रहने वाला है। पुलिस को इसकी शिकायत NCRP पोर्टल पर मिली थी, जिसमें मशीनों की डिलीवरी के बहाने उससे 10,000 रुपये की धोखाधड़ी का मामला था। शिकायत में पीड़ित ने बताया कि उसने जस्टडायल पर रोहित नाम के एक व्यक्ति प्रोफाइल देखी थी, जिसने खुद को एक ट्रांसपोर्ट कंपनी का मालिक बताया। फोन पर बात करते हुए रोहित ने बताया कि वह रोहिणी से गुवाहाटी तक मशीनों की डिलीवरी कर सकता है।

पैरों तले खिसकी जमीन

आरोपी रोहित ने पीड़ित का विश्वास जीतने के लिए फर्स्ट पेमेंट के नाम पर कुछ रुपये की मांगे। पीड़िता रोहित को पैसे ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद में रोहित ने एक पोर्टर सर्विस की व्यवस्था की, जिसने रोहिणी से सामान उठवया। इस दौरान पीड़ित ने रोहित को 10,000 रुपये का भुगतान किया है। हालांकि, गुरुग्राम में एक वास्तविक लॉजिस्टिक्स कंपनी में पहुंचने पर पता चला कि कोई बुकिंग नहीं की गई थी और सामान लावारिस पड़ा था। पोर्टर सेवा चालक को भी भुगतान नहीं किया गया था। इसके बाद पीड़ित समझ गया कि वह साइबर धोखाधड़ी का शिकार हो गया है। इसके बाद पीड़ित ने ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद FIR दर्ज की गई और जांच शुरू हुई। यह भी पढ़ें: पॉल्यूशन होगा कम, बढ़ेगी महिला सुरक्षा… दिल्ली मास्टर प्लान 2041 में क्या होगा खास?

आंध्र प्रदेश का नंबर कर रहा था इस्तेमाल

जांच के दौरान पता चला कि जालसाज द्वारा इस्तेमाल किया गया नंबर आंध्र प्रदेश में जारी किया गया था। लेकिन कहीं और से संचालित हो रहा था। संबंधित बैंक खाते, जस्टडायल प्रोफाइल और पोर्टर बुकिंग से मिली जानकारी से पता चला कि आरोपी की पहचान राजस्थान के झुंझुनू निवासी रोहित के रूप में हुई।

ऐसे मिली पुलिस को सफलता

कई बार छापेमारी के बावजूद आरोपी रोहित फरार होने में कामयाब रहा। करबी दो साल की लगातार ट्रैकिंग के बाद उसका एक नंबर एक्टिव हुआ। जिससे टीम को झुंझुनू शहर पहुंचने में मदद मिली। हालांकि, वह अपना फोन बंद करके फिर से मौके से फरार हो गया। आखिरकार, उसे उसकी बहन के गांव महरामपुरा से ट्रेस किया गया और गिरफ्तार कर लिया गया।


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