Delhi excise policy: दिल्ली आबकारी नीति घोटाले के आरोप में तिहाड़ जेल में बंद पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। शुक्रवार को राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी।
वर्तमान में सिसोदिया 5 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में हैं। सिसोदिया अब निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में अपील करेंगे। उन्हें 26 फरवरी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। सीबीआई के साथ वे प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की जांच का भी सामना कर रहे हैं।
सिसोदिया ने कहा था- हिरासत में रखने से मकसद पूरा नहीं होगा
अदालत ने पिछले हफ्ते 24 मार्च को जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सिसोदिया ने ट्रायल कोर्ट में जमानत की मांग करते हुए कहा था कि उन्हें हिरासत में रखने का मकसद पूरा नहीं होगा। क्योंकि मामले में सभी बरामदगी पहले ही की जा चुकी है। उन्होंने यह भी कहा था कि कथित आबकारी नीति घोटाले में गिरफ्तार हुए अन्य आरोपियों को जमानत मिल चुकी है। वे दिल्ली के डिप्टी सीएम रहे हैं। समाज में उनकी पहचान हैं।
सीबीआई की तरफ से पेश वकील डीपी सिंह ने जमानत का विरोध किया था। उन्होंने दलील दी थी कि यदि सिसोदिया को जमानत मिलती है तो जांच को प्रभावित कर सकते हैं। क्योंकि वे दिल्ली सरकार में काफी प्रभावी पद पर रहे हैं।