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मैडम CM दिल्ली को ‘रामराज्य’ कैसे बनाएंगी? अरविंद केजरीवाल-AAP पर निकाली भड़ास

दिल्ली में 26 साल बाद सरकार बनाने वाली भाजपा ने राजधानी को रामराज्य बनाने का संकल्प लिया है। इसके लिए एक लाख करोड़ का बजट पेश किया है। आइए जानते हैं कि मैडम CM रेखा गुप्ता और भाजपा का दिल्ली के प्लान क्या है?

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने राजधानी के विकास के लिए एक लाख करोड़ का बजट पेश किया है, जिसमें उन्होंने हर सेक्टर को पैसा आवंटित किया। खासकर यमुना नदी की सफाई कराने का प्लान बनाया। एक TV चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने अपनी सरकार के विजन पर बात करते हुए पिछली सरकार पर निशाना साधा। आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की वर्किंग पर सवाल उठाए। साथ ही विपक्षी दल को चेताया कि फाइलें खुलेंगी और एक्शन लिया जाएगा। सच दुनिया के सामने लाया जाएगा। केजरीवाल की सरकार ने सीरियस एटिट्यूड के साथ में दिल्ली के लिए काम नहीं किया। यह भी पढ़ें:‘4.54 करोड़ केस पेंडिंग, कई 10 साल पुराने’; सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अभय ओका का बड़ा बयान

भाजपा के बजट पर सवाल उठा रही आम आदमी पार्टी

दिल्ली के इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य, शिक्षा पर फोकस नहीं किया, जबकि किसी भी शहर के डेवलपमेंट के लिए यह बेसिक जरूरते हैं और जब बात देश की राजधानी की हो तो लीक से हटकर काम होना चाहिए, लेकिन जनसेवा करने की बजाय अपनी सेवा की और अब जब भाजपा दिल्ली के विकास के लिए इतना भारी भरकम बजट पेश कर रही है तो यही आम आदमी पार्टी आरोप लगा रही है कि हवा हवाई बजट है। कहां से आएगा इतना पैसा? बजट के सोर्स क्या हैं? इनकम के नाम पर टैक्स का बोझ आम जनता और व्यापारियों पर पड़ेगा, लेकिन बताना चाहूंगी कि जो समझदार लोग हैं और जो बजट को समझते हैं, वे जानते हैं कि हमने कोई फिगर नहीं छिपाए। 100% एक-एक फिगर जनता के सामने है। यह भी पढ़ें:2.36 लाख करोड़ के बजट में पंजाब के किस सेक्टर को क्या मिला? 10 पॉइंट में देखें झलकियां

लूटे गए रेवेन्यू को वापस लाकर दिल्ली पर खर्च करेंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि टोटल एक्सपेंडिचर, टोटल रेवेन्यू, कैपिटल एक्सपेंडिचर, रेवेन्यू एक्सपेंडिचर सब जानकारी जनत को दी गई है। पूरे 1 लाख करोड़ के बजट का रिसोर्स हमारे अपने 67 इनहाउस रिसोर्स हैं, चाहे वह एक्साइज ड्यूटी हो, स्टंप ड्यूटी हो, सबका खुलासा किया गया है। भाजपा सरकार ने वर्किंग मोड में आते ही सबसे पहले एक काम किया। उन सभी लीकेज को बंद किया, जिसमें पाइप लगाकर लोग अपने घर तक राजस्व पहुंचा रहे थे। लीकेज बंद करने के बाद ही इतना प्रोविजन क्रिएट हुआ कि सरकार एक लाख करोड़ का बजट पेश कर पाई, लेकिन जब रक्षक ही भक्षक हो जाए तो विकास छोड़ो, नजर तक नहीं आ पाएंगे। यह भी पढ़ें:क्या एकनाथ शिंदे और महाराष्ट्र मजाक हैं? कुणाल कामरा मामले में BJP-फडणवीस की भूमिका पर उठे सवाल

कहां गया शराब ठेकेदार से जुटाया गया पैसा?

दिल्ली के लिए रेवेन्यू का सबसे बड़ा सोर्स एक्साइज है और इसी में सेंध लगाकर पिछली सरकार ने हजारों करोड़ का नुकसान सरकार का किया। शराब पर टैक्स ही खत्म कर दिया तो शराब ठेकेदारी से मिला पैसा कहां गगया? प्राइवेट लोगों के हाथ में चला गया, नेताओं के हाथ में चला गया और जब बेईमानी घर कर जाए तो सिस्टम में तो फिर नियमों से काम नहीं हो सकता। जो रिसोर्स जनता के काम आने वाले थे, जो रेवेन्यू जनता के काम आने वाला था, वह रेवेन्यू अपनी जेबों में भर लिया। फुल-फुल पेज एड लगवा लिए। पंजाब, तमिलनाडु, गोवा चुनाव में पार्टी का खूब प्रचार किया, लेकिन भाजपा सरकार उसी रेवेन्यू को वापस लेकर दिल्ली के विकास पर खर्च करेगी।


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