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दिल्ली में AAP की हार पर LG सक्सेना ने ऐसा क्या कहा? खामोश हुईं आतिशी

Delhi Assembly Elections 2025 Result: दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद मुख्यमंत्री आतिशी ने रिजाइन कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस्तीफा सौंपने आईं आतिशी को हार का कारण बता दिया।

Delhi Assembly Elections Result: दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की हार के बाद सीएम आतिशी ने रविवार को रिजाइन कर दिया। कहा जा रहा है कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस्तीफा देने पहुंचीं आतिशी से कहा कि आप यमुना मां के श्राप की वजह से हारी है। राजभवन में निवर्तमान मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल के बीच कुछ देर तक बातचीत हुई। सूत्रों के मुताबिक सक्सेना ने आतिशी से कहा कि उन्होंने आप संयोजक अरविंद केजरीवाल को भी 'यमुना के श्राप' को लेकर चेतावनी दी थी। उन्होंने यमुना नदी की सफाई के लिए एक परियोजना को रोकने के लिए उच्चतम न्यायालय में अपील की थी।

आतिशी ने नहीं दिया जवाब

राजभवन के सूत्रों के मुताबिक पूर्व सीएम आतिशी ने राज्यपाल की टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार एलजी सचिवालय ने आतिशी के साथ सक्सेना की बातचीत को लेकर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। बता दें कि यमुना की सफाई को लेकर पिछले 2 साल से सक्सेना और केजरीवाल के बीच खींचतान चल रही थी। यमुना में प्रदूषण के स्तर को देखते हुए जनवरी 2023 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने नदी की निगरानी के लिए हाई लेवल कमेटी का गठन किया था। यह भी पढ़ें:‘फिल्में टैक्स फ्री हो सकती, टोल क्यों नहीं…’, महाकुंभ में 300KM लंबे जाम पर अखिलेश का तंज पैनल ने जब काम शुरू किया तो केजरीवाल ने भी सहायता करने की पेशकश की थी। बाद में दिल्ली सरकार ने एनजीटी के आदेशों को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज कर दिया था। वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने डोमेन एक्सपर्ट को पैनल का नेतृत्व करने की मांग की थी। पिछले 2 साल से इस पर रोक लागू है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद वीके सक्सेना ने केजरीवाल को एक मुलाकात के दौरान कहा था कि आपको यमुना के अभिशाप का सामना करना पड़ेगा। ये भी पढ़ें- महाकुंभ से लौट रही यात्रियों से भरी बस के साथ हादसा, इटावा में ट्रक से भिड़ी, 2 की मौत सूत्रों के मुताबिक केजरीवाल नहीं चाहते थे कि परियोजना को एलजी के अधीन लागू किया जाए, क्यों इससे योजना का श्रेय AAP को नहीं मिलेगा। इसी वजह से दिल्ली सरकार के रुख में बदलाव आ गया था। 2015 चुनाव के दौरान केजरीवाल ने वादा किया था कि 5 साल के भीतर यमुना को साफ कर दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। चुनाव प्रचार के दौरान भी यमुना नदी की सफाई बड़ा मुद्दा रहा। बीजेपी ने केजरीवाल को उनके दावे पर घेरा था। बीजेपी ने वोटर्स से कहा था कि 2025 तक यमुना का पानी इतना साफ करने का वादा किया था कि आप इसमें डुबकी लगाएंगे। बिहार, झारखंड और यूपी के प्रवासियों के बीच यह मुद्दा जोर-शोर से उठाया गया, जो छठ के दौरान लाखों की संख्या में यमुना तट पर जाते हैं।

मोदी ने साधा था निशाना

चुनाव के बाद कई विश्लेषण सामने आए हैं, जिनसे पता चलता है कि पूर्वांचल के वोटरों ने आप के बजाय बीजेपी को वोट दिए हैं। इससे पहले दो विधानसभा चुनाव में ये वोटर आप के साथ नजर आए थे। केजरीवाल ने चुनाव से पहले हरियाणा सरकार पर भी नदी में 'जहर घोलने' के आरोप लगाए थे। हरियाणा सरकार और बीजेपी दोनों ने ही इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। चुनाव के नतीजे आने के बाद पीएम मोदी ने भी आप पर निशाना साधा था। पीएम ने नदी को साफ करने की बात कही थी। पीएम ने कहा था कि दिल्ली के लोगों की आस्था को इन लोगों (AAP) ने कुचल दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपना भाषण भी 'यमुना मईया की जय' के नारे के साथ समाप्त किया था।


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