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New Delhi Assembly Elections 2025: केजरीवाल चुनाव हारे, जीत के बाद अमित शाह से मिले परवेश वर्मा

New Delhi Assembly Elections 2025: नई दिल्ली विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल, भाजपा उम्मीदवार परवेश वर्मा और कांग्रेस उम्मीदवार संदीप दीक्षित हैं। तीनों अपने-अपने दलों के दिग्गज नेता हैं और तीनों के बीच कांटे की टक्कर है। एक पूर्व CM के सामने 2 पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटे हैं।

Arvind kejriwal, Parvesh Verma, Sandeep Dikshit
New Delhi Constituency Candidates: नई दिल्ली विधानसभा से पूर्व सीएम और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल चुनाव हार गए हैं। शुरुआती रुझान में जहां आप ने इस सीट पर बढ़त हासिल की थी, 11वें  राउंड के आते-आते वह पिछड़ गई। इस सीट पर बीजेपी के परवेश वर्मा ने अरविंद केजरीवाल को 3184 से शिकस्त दी है। जीत के बाद परवेश वर्मा गृह मंत्री अमित शाह से मिले हैं। बता दें नई दिल्ली की सबसे हॉट विधानसभा सीटो है। हालांकि यह सीट वोटर्स के मामले में दूसरी सबसे छोटी सीट है, लेकिन राजनीतिक इतिहास से देखें तो इस सीट सबसे महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस सीट से जो चुनाव जीतेगा, वह दिल्ली के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठैगा, क्योंकि इस सीट का इतिहास रहा है कि यहां से जो भी चुनाव जीतता है, वह मुख्यमंत्री बनता आया है। यह समीकरण 30 साल पुराना है। वहीं इस सीट से इस बार एक पूर्व मुख्यमंत्री के सामने 2 पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटे हैं।

सबसे ज्यादा 23 कैंडिडेट नई दिल्ली से

नई दिल्ली विधानसभा सीट इस बार चुनाव उम्मीदवारों के मामले में भी सबसे आगे हैं। इस सीट से 40 नेताओं ने चुनाव नामांकन भरा था, लेकिन कुछ नामांकन रिजेक्ट हो गए और कुछ नाम वापस ले लिए गए। अब इस सीट से सबसे ज्यादा 23 उम्मीदवार चुनावी रण में हैं। आम आदमी पार्टी के नेशनल कन्वीनर और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल यहां से 3 बार के विधायक हैं। भाजपा ने उनके सामने पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे परवेश वर्मा को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को टिकट दिया है।

1993 से 2020 तक CM के समीकरण

रिपोर्ट के अनुसार, अगर नई दिल्ली विधानसभा सीट का पिछला 30 साल का इतिहास देखा जाए तो इस सीट से जीतने वाली पार्टी ने ही दिल्ली में सरकार बनाई है और जीतने वाला विधायक प्रदेश का मुख्यमंत्री बनता आया है। 1993 में यहां से भाजपा ने चुनाव जीतकर सरकार बनाई और कीर्ति आजाद विधायक बनें। 1998 में कांग्रेस ने यह सीट जीतकर सरकार बनाई और इस सीट से विधायक शीला दीक्षित मुख्यमंत्री बनीं। वे साल 2008 तक लगातार 15 साल इस सीट से विधायक और प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं। 2013 में आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने शीला दीक्षित को नई दिल्ली सीट से हराया। इसके बाद साल 2015 और 2020 के चुनाव में भी अरविंद केजरीवाल ही नई दिल्ली सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने। दिल्ली में AAP की सरकार बनी और केजरीवाल मुख्यमंत्री बनें। 3 विधानसभा चुनाव में केजरीवाल ने हर बार 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट हासिल किए। 2013 में वोट प्रतिशत 53.46 था। साल 2015 में 64.34 और साल 2020 में 61.10 प्रतिशत रहा। ऐसे में इस बार भी इस नई दिल्ली विधानसभा सीट पर चुनावी जंग सिर्फ नई दिल्ली के विधायक के लिए नहीं, बल्कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के लिए भी है, लेकिन 12 साल के शासन के बाद आम आदमी पार्टी के लिए दिल्ली में सत्ता बनाए रखना एक चुनौती है।

अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी के नेशनल कन्वीनर और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने IRS की नौकरी छोड़कर राजनीति जॉइन की थी। 2 अक्टूबर 2012 को केजरीवाल ने राजनीति में औपचारिक एंट्री की। 26 नवंबर 2012 को उन्होंने आम आदमी पार्टी बनाई। साल 2013 में नई दिल्ली से विधानसभा चुनाव लड़ा और 15 साल से कांग्रेस की मुख्यमंत्री रही शीला दीक्षित को हराकर मुख्यमंत्री बने। साथ ही आम आदमी पार्टी ने अपने पहले ही चुनाव में 70 में से 28 सीटें जीतकर खलबली मचा दी थी। 2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीटें जीतकर बहुमत हासिल करके सरकार बनाई और 14 फरवरी 2015 को अरविंद केजरीवाल दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। साल 2020 में 70 में से 62 सीटें जीतकर आम आदमी पार्टी ने तीसरी बार सरकार बनाई और अरविंद केजरीवाल 16 फरवरी 2020 को तीसरी बार मुख्यमंत्री बने, लेकिन शराब घोटाले में नाम आने से वे अपना तीसरा कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। 17 सितंबर 2024 को उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। मुख्यमंत्री पद छोड़ते हुए उन्होंने कहा था कि अगर दिल्ली की जनता उन्हें फिर से चुनेगी, तभी वे मुख्यमंत्री पद पर लौटेंगे।

परवेश वर्मा

नई दिल्ली विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार प्रवेश वर्मा पश्चिमी दिल्ली से लोकसभा सांसद हैं। 2019 से पहले 2014 में भी वे इसी सीट से भाजपा सांसद रहे थे। वे दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं। उन्होंने 2013 का विधानसभा चुनाव महरौली विधानसभा क्षेत्र से लड़ा और दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष सांसद योगानंद शास्त्री को हराया। 2014 में उन्होंने पश्चिमी दिल्ली से लोकसभा चुनाव लड़ा और सांसद बन गए। 2019 में भी इसी सीट से चुनाव जीतकर सांसद बने। इस बार वे नई दिल्ली विधानसभा सीट से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

संदीप दीक्षित

नई दिल्ली विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार संदीप दीक्षित दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे हैं। वे पूर्वी दिल्ली से लोकसभा सांसद हैं।  
 


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