Najafgarh Assembly Seat: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को वोटिंग होनी है। 8 फरवरी को नतीजों का ऐलान किया जाएगा। दिल्ली की नजफगढ़ विधानसभा सीट की बात करें तो यहां कांटे का मुकाबला दिख रहा है। आम आदमी पार्टी (AAP) जीत की हैट्रिक बनाने के लिए दमखम से प्रचार कर रही है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (BJP) भी इस सीट से जीत के लिए पसीना बहा रही है। आम आदमी पार्टी ने यहां से तरुण यादव को मैदान में उतारा है। वहीं, बीजेपी ने नीलम पहलवान और कांग्रेस ने सुषमा यादव पर दांव खेला है।
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नजफगढ़ सीट पर पिछले दो चुनाव में आप ने जीत हासिल की थी। कैलाश गहलोत ने 2020 और 2015 में यहां से चुनाव जीता था। कैलाश गहलोत को केजरीवाल सरकार में मंत्री बनाया गया था, लेकिन बाद में वे बीजेपी में शामिल हो गए थे। नजफगढ़ सीट 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी। यह सीट हरियाणा के गुरुग्राम और बहादुरगढ़ शहर से सटी है। इस सीट पर जाट और सिख वोटरों की तादाद अधिक है। 2020 के चुनाव में आप के कैलाश गहलोत को 81507 वोट मिले थे।
पिछले चुनाव में नंबर 3 पर रही थी कांग्रेस
बीजेपी ने अजीत सिंह खरखड़ी को टिकट दिया था, उनको 75276 वोट मिले थे। कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार साहब सिंह को सिर्फ 2379 वोट मिले थे। वे तीसरे नंबर पर रहे थे। स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास इस चुनाव में बड़े मुद्दे हैं, उम्मीदवार स्थानीय मुद्दों पर भी वोट मांग रहे हैं। यहां कुल वोटरों की संख्या 276000 हैं, जिनमें 144687 पुरुष और 131713 महिलाएं शामिल हैं। 11 वोट थर्ड जेंडर के हैं।
इस सीट के अंतर्गत झरोदा कलां, सुरखपुर, मित्राऊं, दिचाऊं कलां, मुंडेला खुर्द, कैर, काजीपुर, बाकरगढ़, ढांसा, ईसापुर, उजवा, मलिक पुर, जफरपुर कलां, समसपुर खालसा, खैरा, सुरेहरा जैसे प्रमुख गांव शामिल हैं। धर्मपुरा, गोपाल नगर, इंदिरा पार्क, रोशन पुरा, नया बाजार, थाना रोड, नजफगढ़ बाजार जैसी कॉलोनियां भी इस सीट का हिस्सा हैं।
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यहां निगम के 4 वार्ड हैं, जिनमें 3 पर बीजेपी और एक पर निर्दलीय पार्षद का कब्जा है। यहां से कांग्रेस और बीजेपी 1-1 बार और आप 2 बार जीत हासिल कर चुकी है। पहली बार 2008 में निर्दलीय विधायक को जीत मिली थी। इस बार जनता किस पार्टी का साथ देगी, यह देखने वाली बात होगी?