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‘मुझे PM मोदी को गले लगाना है’; मौलाना रशीदी ने क्यों कहा कि दिल्ली चुनाव में BJP को दिया वोट?

Maulana Sajid Rashidi Reaction on Voting: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मतदान पर मौलाना साजिद रशीदी का रिएक्शन सामने आया है। उन्होंने खुलकर बताया कि दिल्ली चुनाव में किसे वोट दिया और क्यों?

Maulana Sajid Rashidi
Maulana Sajid Rashidi Rection on Voting to BJP: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के मतदान हो गए हैं। आम आदमी पार्टी, भाजपा, कांग्रेस समेत कई दलों के 699 प्रत्याशियों की किस्मत EVM में कैद हो गई है। मतगणना 8 फरवरी दिन शनिवार को होगी। एग्जिट पोल के पूर्वानुमान भाजपा की सरकार बना रहे हैं। पब्लिक रिएक्शन भी सामने आ रहे हैं। इस बीच ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी का बयान भी सामने आ गया है। रशीदी ने ऐलान किया है कि उन्होंने भाजपा को वोट दिया है और पहली बार भाजपा को वोट दिया है। ऐसा करके मुसलमानों की उस धारणा को तोड़ने की कोशिश की है, जिसमें यह माना जाता है कि मुसलमान भाजपा को वोट नहीं देंगे या नहीं दे सकते। उन्होंने भाजपा को वोट देने की वजह पर खुलकर मीडिया से बात की।  

मौलाना ने ऐसे व्यक्त की अपनी प्रतिक्रिया

मौलाना साजिद रशीदी ने कहा कि बीते दिन दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान किया और भाजपा को वोट दिया है। अपना वीडियो वायरल किया, क्योंकि भाजपा के नाम पर मुसलमानों में डर पैदा किया जाता है। विपक्षी दल कहते हैं कि मुसलमान भाजपा को वोट नहीं देते हैं। मुसलमानों के मन में यह बात बिठा दी गई है कि भाजपा को हराओ नहीं तो अगर वे सत्ता में आए तो मुसलमानों के अधिकार छीन लिए जाएंगे। उस डर को मुसलमानों के मन से निकालने के लिए भाजपा को वोट दिया है। अगर दिल्ली में भाजपा की सरकार बनी तो मुसलमानों को दिखाऊंगा कि मुसलमानों का कौन-सा हक छीना गया है? ऐसा नहीं है कि भाजपा में शामिल हो गया हूं या मैंने उनके सामने आत्मसमर्पण कर दिया है, मेरे खिलाफ भी मामले दर्ज हैं। मेरा एकमात्र उद्देश्य मुसलमानों के दिल और दिमाग से उस डर को दूर करना है। अगर मुसलमान भाजपा को वोट देते हैं तो हमारे पास सही दावा होगा और अगर वे हमारे खिलाफ कुछ करते हैं तो हम उनके खिलाफ सवाल उठा सकते हैं।   मौलाना रशीदी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को एक बार दिल से गले लगाना चाहता हूं। ठीक वैसे ही, जैसे उन्होंने UAE के राष्ट्रपति को गले लगाया था, चाहता हूं कि वे मुझे भी उसी तरह गले लगाएं। भाजपा भी मुसलमानों को गले लगाए। भाजपा अछूत नहीं। न ही मुसलमान कांग्रेस या समाजवादी पार्टी के बंधुआ मजदूर नहीं हैं। उन्होंने मुस्लिम नेताओं के साथ कोई मंच साझा नहीं किया, फिर हम यहां इन पार्टियों के बंधुआ मजदूरों की तरह क्यों रहें? मैं इस गलतफहमी को तोड़ने के लिए काम कर रहा हूं कि भाजपा दुश्मन हैं। क्या यह कांग्रेस, समाजवादी पार्टी की तरह ही एक राजनीतिक पार्टी नहीं है?  


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