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Delhi Election: दिल्ली में AAP के लिए क्यों चुनौती बनी BJP? 5 पॉइंट्स में समझें पूरा समीकरण

Delhi Assembly Election 2025 AAP vs BJP: दिल्ली विधानसभा चुनाव की रेस में 3 बड़ी पार्टियों के नाम शामिल हैं। जहां बीजेपी और कांग्रेस फिर से सत्ता में वापसी करने का दावा कर रही हैं। तो वहीं AAP जीत की हैट्रिक लगाने की लाइन में है। हालांकि इस बार BJP ने AAP के लिए चुनौतियां बढ़ा दी हैं।

Delhi Assembly Election 2025 AAP vs BJP: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 का राजनीतिक रण बेहद दिलचस्प हो गया है, 10 साल से सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी (AAP) को इस बार बीजेपी से कड़ी चुनौती मिल रही है। बता दें कि 2015 में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया था। तब आप ने कांग्रेस को शून्य और भाजपा को तीन सीट पर समेट दिया था। वहीं 2020 में भी 62 सीटों के साथ सत्ता बरकरार रखी थी।

वापसी की कोशिश में बीजेपी

इस बार पार्टी के सामने चौथी बार सत्ता प्राप्त करने की चुनौती है। वहीं वर्ष 1998 से सत्ता से दूर भाजपा वापसी के लिए चुनावी रण में धुआंधार तरीके उतरी है और AAP को कड़ी टक्कर दे रही है। वहीं कांग्रेस भी शीला दीक्षित के 15 साल के कार्यकाल की याद दिलाते हुए दिल्ली में अपनी राजनीतिक जमीन वापस पाने की कोशिश कर रही है। ऐसे में कांग्रेस बेशक दिल्ली में ज्यादा सीटों न जीत सके लेकिन वो AAP के वोट बैंक में सेंध लगाने का काम जरूर कर सकती है। जिससे BJP का पलड़ा भारी हो जाएगा। यहां हम 5 प्रमुख बिंदुओं में समझते हैं कि बीजेपी क्यों आप के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है। यह भी पढ़ें-Delhi Election में BJP को क्यों पड़ी CM योगी की जरूरत? कैसे गेमचेंजर साबित होगी ये रणनीति!

1. शराब नीति और घोटाले के आरोप की मार

आम आदमी पार्टी सरकार की शराब नीति ने इस बार उसके लिए परेशानी खड़ी कर दी है। घोटाले में कई नेताओं के जेल जाने के कारण अरविंद केजरीवाल और AAP की छवि पर बुरा असर पड़ा है। यह मुद्दा बीजेपी के लिए बड़ा हथियार बना है। मतदाताओं में AAP के खिलाफ नकारात्मक माहौल बनाने का प्रयास हो रहा है।

2. यमुना की सफाई और जल आपूर्ति का मुद्दा

अरविंद केजरीवाल ने यमुना को साफ करने और 24 घंटे स्वच्छ पानी देने का वादा किया था, लेकिन गंदे पानी की सप्लाई और यमुना की स्थिति में सुधार न होने से जनता में नाराजगी बढ़ी है। कई स्थानों पर लोगों ने बहुत ही गंदे पानी की सप्लाई का आरोप लगाया है।

3. बीजेपी का आक्रामक प्रचार, मोदी-योगी ने संभाला मोर्चो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे स्टार प्रचारक बीजेपी के लिए बड़ा समर्थन जुटा रहें हैं। योगी आदित्यनाथ का चर्चित नारा 'काटेंगे तो बंटेंगे' AAP के वोटबैंक को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है। यह भी पढ़ें- ‘Arvind Kejriwal की जान को खतरा…’ CM आतिशी ने किया बड़ा दावा

4. आप के अधूरे वादे और एंटी-इंकम्बेंसी

अरविंद केजरीवाल ने इस बार AAP की सरकार बनाने की अपील कर यमुना की अधूरी सफाई को पूर्ण करने की बात कही है। उन्होंने कोरोना महामारी और उनके खुद जेल जाने के कारण यमुना की सफाई पर पूरी तरह ध्यान नहीं दे पाने की बात स्वीकार की है। AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इस बार चौथी बार सरकार बनने पर सभी वादों को पूरा करने की गारंटी दी है, लेकिन जनता की उम्मीदों पर खरा न उतरने के कारण उनकी स्थिति इस बार कुछ कमजोर हुई है। जनता के बीच 10 साल से सत्ता में रहने के कारण एंटी-इंकम्बेंसी भी नजर आ रही है।

5. बीजेपी का संकल्प पत्र

बीजेपी ने AAP की योजनाओं को अपने घोषणापत्र में शामिल कर लिया है। महिलाओं के लिए 2500 रुपये सम्मान राशि, फ्री बिजली-पानी, स्कूलों और अस्पतालों में सुधार, आयुष्मान योजना का वादा बीजेपी के लिए समर्थन जुटाने का बड़ा जरिया बन रहा है।

दिल्ली चुनाव त्रिकोणीय संघर्ष की ओर

2025 का दिल्ली विधानसभा का चुनाव त्रिकोणीय संघर्ष की ओर बढ़ रहा है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि AAP के लिए सत्ता बरकरार रखना चुनौती है, जबकि बीजेपी 1998 के बाद पहली बार वापसी की कोशिश में जुटी है, वहीं कांग्रेस भी राहुल गांधी व अन्य कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को चुनाव प्रचार में उतारकर चुनावी माहौल गर्मा रही है। कांग्रेस ने भी दिल्ली की जनता के लिए कई लोकलुभावन घोषणाएं की हैं। अब जनता के फैसले से ही तय होगा कि कौन इस बार दिल्ली की गद्दी पर काबिज होगा। यह भी पढ़ें- Delhi Elections: दिल्ली में किसकी बनेगी सरकार? फलोदी और महादेव सट्टा बाजार ने जताया ये अनुमान


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