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‘नहीं जाना चाहिए गलत मैसेज’ सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण पर क्यों कहीं ये बात?

Air Pollution case in Supreme Court: अदालत ने केंद्र सरकार से पूछा है कि क्या दिल्ली एनसीआर की तर्ज पर देश के दूसरे प्रदूषित शहरों में भी एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन जैसी व्यवस्था की जा सकती है?

दिल्ली एनसीआर में ग्रैप-3 की पाबंदियां लागू।
Air Pollution case in Supreme Court: प्रदूषण के मामले में सुनवाई करते हुए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण के मसले पर उसकी सुनवाई सिर्फ दिल्ली एनसीआर को लेकर सीमित नहीं रहेंगी। खंडपीठ अब देश भर में प्रदूषण को लेकर सुनवाई करेगा। कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण देशव्यापी समस्या है, लिहाजा हम इस सुनवाई का दायरा बढ़ा रहे हैं। कोर्ट ने केंद्र सरकार से देश के सबसे ज़्यादा प्रदूषित शहरों की लिस्ट देने का निर्देश दिया। अदालत ने केंद्र सरकार से पूछा है कि क्या दिल्ली एनसीआर की तर्ज पर देश के दूसरे प्रदूषित शहरों में भी एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन जैसी व्यवस्था की जा सकती है? कोर्ट ने कहा कि ये गलत मैसेज नहीं जाना चाहिए कि चूंकि सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में है, इसलिए कोर्ट की चिंता सिर्फ दिल्ली के प्रदूषण को लेकर ही है। ये भी पढ़ें: नोएडा से फरीदाबाद सिर्फ 30 मिनट में, FNG Expressway से कम होगी UP-हरियाणा की दूरी

एनसीआर में निर्माणकार्य पर फिर लगी रोक

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-NCR की हवा फिर खराब होने पर नाराजगी जताई। बता दें सोमवार सुबह एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक करीब 350 पहुंच गया था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने यहां फिर GRAP-III के नियम लागू करने के निर्देश जारी किए हैं। जानकारी के अनुसार ग्रेप 3 के लागू होने पर निर्माण और तोड़फोड़ पर रोक लगा दी गई है। एनसीआर में निर्माण सामग्री ढोने वाले वाहनों पर प्रतिबंध रहेगा। यहां अंतरराज्यीय बसों के प्रवेश पर रोक और बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीज़ल गाड़ियों के चलने पर रोक लगा दी गई हैं। ये भी पढ़ें: निर्भया रेप कांड के 12 साल बाद कितनी सेफ है दिल्ली? CM आतिशी ने उठाए सवाल


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