नई दिल्ली: राउज एवेन्यू कोर्ट ने बुधवार को विधायकों के खिलाफ मामले में दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) से रिपोर्ट मांगी है। डीएलएसए को पीड़ितों को नुकसान और मुआवजे पर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है। यह मामला फरवरी 2015 दिल्ली के बुराड़ी थाने में दंगा करने और पुलिसकर्मियों की पिटाई से जुड़ा है। इस मामले में कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के दो विधायकों अखिलेश पति त्रिपाठी और संजीव झा समेत 15 अन्य को दोषी ठहराया था। दोषियों पर दंगा करने और पुलिसकर्मियों को चोट पहुंचाने का आरोप है।
10 लोग हुए थे बरी
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) वैभव मेहता ने दोषियों के आय और संपत्ति का उल्लेख करने वाले हलफनामे को स्वीकार करने के बाद सजा पर बहस स्थगित कर दी। सजा के बिंदु पर अदालत अब 15 अक्टूबर को मामले की सुनवाई करेगी। इस बीच डीएलएसए पीड़ितों को क्षतिपूर्ति के उद्देश्य से नुकसान के आकलन पर अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। इसके बाद कोर्ट मुआवजे की राशि तय करेगी। विशेष अदालत ने हाल ही में 17 आरोपियों को दोषी ठहराया है और 10 अन्य को बरी कर दिया है। बरी किए गए लोगों ने बुधवार को कोर्ट में जमानती मुचलका जमा किया।
आरोपियों ने कहा था हमने नहीं उकसाया था
इससे पहले अदालत ने माना था कि आरोपियों के मौके पर मौजूद होने पर भीड़ हिंसक हो गई थी और उनके उकसाने में उन्होंने प्रमुख भूमिका निभाई। दरअसल, 20 फरवरी 2015 की रात बुराड़ी थाने में आरोपियों ने संपत्ति को नुकसान पहुंचा था और पुलिसकर्मियों की पिटाई कर दी थी। वहीं, आरोपियों की ओर से दलील दी गई कि वे भीड़ को शांत कराने के लिए थाने गए थे लेकिन उन्होंने उन्हें नहीं उकसाया।