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सुप्रीम कोर्ट ने ED को नोटिस देकर 10 दिन में मांगा जवाब, पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे की गिरफ्तारी को याचिका में दी थी चुनौती

Bhupesh Baghel son Chaitanya Baghel arrest case hearing on SC: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी कर दस दिन में जवाब मांगा है. ईडी के जवाब पर आरोपी चैतन्य बघेल के वकील को जवाब देने के लिए कोर्ट ने समय दिया. पढ़ें, प्रभाकर मिश्रा की रिपोर्ट

Bhupesh Baghel son Chaitanya Baghel arrest case hearing on SC: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल गत 18 जुलाई से न्यायिक हिरासत में हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें 2161 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किया. चैतन्य बघेल ने वकील कपिल सिब्बल के माध्यम से अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए याचिका दायर की. याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाला बागची की बैंच में याचिका पर सुनवाई हुई. याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी कर दस दिन में जवाब मांगा है. ईडी के जवाब पर आरोपी चैतन्य बघेल के वकील को जवाब देने के लिए कोर्ट ने समय दिया था.

चैतन्य बघेल के वकील कपिल सिब्बल ने क्या कहा?

चैतन्य बघेल के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि ईडी ने पूछताछ के लिए समन नहीं दिया और इस आधार पर गिरफ्तार कर लिया कि इसने जांच मे सहयोग नहीं किया. इस आधार पर गिरफ्तार नहीं किया जा सकता और गिरफ्तारी को चुनौती दी है. ईडी की तरफ से ASG राजू ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हमें तीन महीने मे जांच पूरी करने का समय दिया है. यह मामला 2161 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले से जुड़ा है, जिसकी जांच सीबीआई और ईडी दोनों एजेंसियां कर रही हैं. ईडी की जांच के अनुसार, इस घोटाले में 2019 से 2022 के बीच छत्तीसगढ़ सरकार के खजाने से भारी गड़बड़ी की गई है. यह घोटाला करीब 2161 रुपये के करीब का बताया जा रहा है.

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छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट से पहले खारिज हो चुकी है याचिका

गौरतलब है कि चैतन्य बघेल की जमानत याचिका को रायपुर की एक विशेष पीएमएलए कोर्ट ने खारिज कर दिया था. उसके बाद गिरफ्तारी को चुनौती देती याचिका को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने बीते 17 अक्टूबर को खारिज कर दिया गया. छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के उसी आदेश को चुनौती देती याचिका चैतन्य बघेल ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाला बागची की बैंच में चेतन बघेल के वकील कपिल सिब्बल ने तर्क किया कि केवल सह आरोपियों के बयानों पर 18 जुलाई को चेतन बघेल की गिरफ्तारी हुई थी, जबकि गंभीर आरोप वाले लोग खुलेआम घूम रहे. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को जवाब देने के लिए 10 दिन का नोटिस जारी किया.

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