महादेव ऐप ऑनलाइन सट्टेबाजी घोटाले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बीते सप्ताह 60 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की। यह छापेमारी छत्तीसगढ़, भोपाल, कोलकाता और दिल्ली में की गई। इस दौरान राजनेताओं, वरिष्ठ नौकरशाहों, पुलिस अधिकारियों, महादेव बुक के प्रमुख पदाधिकारियों और अन्य निजी व्यक्तियों के परिसरों पर तलाशी ली गई।
क्या है पूरा मामला?
महादेव बुक एक ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म है, जिसे रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर द्वारा प्रमोट किया गया था। ये दोनों आरोपी वर्तमान में दुबई में रह रहे हैं। जांच में खुलासा हुआ है कि महादेव बुक के प्रमोटरों ने अपने गैरकानूनी सट्टेबाजी नेटवर्क को निर्बाध रूप से संचालित करने के लिए सार्वजनिक सेवकों को बड़ी मात्रा में "प्रोटेक्शन मनी" दी थी।
इस मामले की शुरुआत छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) द्वारा की गई थी। बाद में राज्य सरकार ने इस केस को CBI को सौंप दिया ताकि मामले की गहन जांच हो सके और इसमें शामिल वरिष्ठ अधिकारियों व अन्य आरोपियों की भूमिका उजागर हो सके।
भूपेश बघेल भी आरोपी
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम भी इस मामले में सामने आया है। पहले से ही EOW की प्राथमिकी में उनका नाम दर्ज था, जिसे अब CBI ने अपने केस में दोबारा शामिल किया है। महादेव एप को लेकर सीबीआई द्वारा जो दर्ज FIR दर्ज की गई है उसमें भूपेश बघेल का नाम आरोपी नंबर 6 पर है।
छापेमारी में क्या मिला?
CBI द्वारा की गई छापेमारी में बड़ी मात्रा में डिजिटल और दस्तावेजी साक्ष्य मिले हैं, जिन्हें जब्त कर लिया गया है। इनमें वित्तीय लेन-देन से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड शामिल हैं। छापेमारी अभी भी जारी है और जांच एजेंसी जल्द ही और बड़े खुलासे कर सकती है।
आगे क्या होगा?
CBI की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी, इस घोटाले से जुड़े और नाम सामने आ सकते हैं। इस पूरे मामले में सरकार और प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारियों की संलिप्तता की संभावना जताई जा रही है।
महादेव बुक घोटाले ने पूरे देश में हलचल मचा दी है, और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि CBI इस मामले में क्या कदम उठाती है और दोषियों को सजा दिलाने में कितनी सफल होती है।