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मां दंतेश्वरी मंदिर में दर्शन के लिए शुरू हुई नई व्यवस्था, अब ऑनलाइन जलवा सकेंगे ज्योति

Maa Danteshwari Temple: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में स्थित मां दंतेश्वरी के मंदिर में अब देश में ही नहीं बल्कि दुनिया के किसी भी कोने में बैठा व्यक्ति आस्था की ज्योत जलवा सकेगा। इसके लिए इस शारदीय नवरात्र पर बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी मंदिर की कमेटी ने ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा शुरू की […]

Maa Danteshwari Temple: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में स्थित मां दंतेश्वरी के मंदिर में अब देश में ही नहीं बल्कि दुनिया के किसी भी कोने में बैठा व्यक्ति आस्था की ज्योत जलवा सकेगा। इसके लिए इस शारदीय नवरात्र पर बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी मंदिर की कमेटी ने ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा शुरू की है। इसके माध्यम से ज्योति कलश के लिए लगने वाली राशि भी ऑनलाइन दी जा सकेगी।

समिति ने जारी किया है लिंक

भक्तों की आस्था को देखते हुए मंदिर समिति ने ये फैसला लिया है। इसके लिए समिति ने https//maadanteshwari.in नाम से वेबसाइट लिंक जारी किया है। इस वेबसाइट के माध्यम से श्रद्धालु ज्योति के अलावा भंडारा शुल्क और दान राशि भी ऑनलाइन दे सकते हैं। वेबसाइट पर मंदिर के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व की जानकारी भी उपलब्ध रहेगी और मंदिर में होने वाली दैनिक आरती तथा अन्य अनुष्ठानों का शेड्यूल भी उपलब्ध किया गया है। यह भी पढ़ें-अमृत मिशन योजना का दूसरा चरण; 500 करोड़ की मिली मंजूरी, बनेंगे 150 से ज्यादा तालाब

देश-विदेश से आते हैं श्रद्धालु

दंतेवाड़ा का मां दंतेश्वरी शक्तिपीठ देश के 52 शक्तिपीठों में से एक है और यहां दर्शन के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं। प्राचीन काल से ही मां दंतेश्वरी को बस्तर के लोग अपनी कुल देवी के रूप में पूजते आ रहे हैं। ऐसी मानता है कि, बस्तर में होने वाला कोई भी विधान माता की अनुमति के बिना नहीं किया जाता है। मां दंतेश्वरी मंदिर का गर्भगृह जहां देवी की मूर्ति है वो सदियों पहले ग्रेनाइट पत्थरों से बनाया गया था।

धीरे-धीरे मंदिर का स्वरूप बदला

कहा जाता है कि शुरू में जब मंदिर की स्थापना हुई थी तो उस समय सिर्फ गर्भगृह ही हुआ करता था, बाकी हिस्सा खुला था। लेकिन बाद में गर्भगृह को छोड़कर धीरे-धीरे मंदिर का स्वरूप बदला। गर्भगृह का बाहरी हिस्सा सरई और सागौन से बना हुआ है, जिसको बस्तर की रानी प्रफुल्ल कुमारी देवी ने बनवाया था।


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