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कवर्धा: महात्मा गांधी नरेगा योजना से आसान हुआ सफर, 15 किलोमीटर की दूरी कम होकर 3 किलोमीटर हुई

कवर्धा: वनांचल क्षेत्रों में ग्रामीण एक स्थान से दूसरे स्थान पर आवागमन के लिए जंगलो के बीच से पहाड़ों की पगडंडियों का उपयोग करते हुए आना जाना करते हैं। छोटे-बड़े पत्थरों से भरपुर पथरीले रास्ते, सकरी पगडंडी जो जोखिम से भारी होती है उसका उपयोग दिन प्रतिदिन करते है। रोजमर्रा की ऐसे समस्याओं से निजात […]

कवर्धा: वनांचल क्षेत्रों में ग्रामीण एक स्थान से दूसरे स्थान पर आवागमन के लिए जंगलो के बीच से पहाड़ों की पगडंडियों का उपयोग करते हुए आना जाना करते हैं। छोटे-बड़े पत्थरों से भरपुर पथरीले रास्ते, सकरी पगडंडी जो जोखिम से भारी होती है उसका उपयोग दिन प्रतिदिन करते है। रोजमर्रा की ऐसे समस्याओं से निजात पाने के लिए ग्रामीणों ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की सहायता से अपने लिए सुगमता से भरपूर सड़क का मिलकर निर्माण कर रहे है। बात हो रही है कबीरधाम जिले के विकासखंड पंडरिया के ग्राम पंचायत भेलकी की जहां घाट कटिंग सड़क निर्माण कार्य हो रहा है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में लगभग 1.7 किलोमीटर लंबी यह सड़क नीचे अधचरा से ऊपर अधचरा तक मनरेगा योजना में 19 लाख 61 हजार रुपए की लागत से स्वीकृत हुआ है।

एक नजर सड़क निर्माण से ग्रामीणों को मिले रोजगार और उसके फायदे पर

मनरेगा योजना से सड़क के लिए 19 लाख 61 हजार रुपए स्वीकृत हुआ है जो फरवरी 2023 से प्रारंभ हुआ। इस निर्माण कार्य में अभी तक 7601 मानव दिवस का रोजगार ग्रामीणों को प्राप्त हुआ है। सड़क निर्माण में भेलकी एवं आसपास के बैगा समुदाय के 216 परिवारों को रोजगार का अवसर मिला है। 13 लाख 14 हजार 515 रुपए से अधिक का मजदूरी भुगतान ग्रामीणों को उनके खातों में प्राप्त हो चुका है। 67 दिवस से लगातार यह कार्य चल रहा है और जैसे-जैसे घाट को काटकर सड़क बनती जा रही है वैसे वैसे वनांचल में रहने वाले लोगों की समस्याओं का समाधान होता जा रहा है। जहां पहले इस सड़क के अभाव में परेशानी एवं जोखिम से भरा रास्ता था साथ ही 15 किलोमीटर घूम कर जाने की समस्या बनी रहती थी वही अब घाट कटिंग कर सड़क बनाने से स्थानीय समुदाय को बहुत फायदा मिलेगा।

इस सड़क से कैसे मिलेगा फायदा

ग्राम पंचायत भेलकी का आश्रित ग्राम अधचरा दो भागों में बटा है एक हिस्सा मध्य प्रदेश के हाईवे बजाग मेन रोड में बसा है और दूसरा हिस्सा नीचे पहाड़ के बीच में बसा है जिसे नीचे अधचरा बोलते हैं। नीचे अधचरा जाने के लिए ग्राम पंचायत पुटपुटा मुख्य मार्ग से होते हुए ग्राम पंचायत अमनिया के आश्रित ग्राम भकुर से होते हुए जाना पड़ता था क्योंकि यही एकमात्र सड़क है। नीचे अधचरा में बसे हुए ग्रामीणों को अपना कुछ काम कराने के लिए मुख्य पंचायत भेलकी जाना पड़ता है तो वे पहाड़ से नीचे आकर भकुर से होते हुए मेन हाईवे रोड से पुनः भेलकी जाना पड़ता है जोकि 15 किलोमीटर का रास्ता बन जाता है। पहले ऊपर अधचरा एवं नीचे अधचरा को जोड़ने के लिए पहाड़ों के बीच में पतली पगडंडियों के सहारे पैदल जाते थे जो बहुत से कठिनाइयों भरा था। इस घाट कटिंग कार्य से भेलकी के ग्रामीणों को आने जाने का 15 किलोमीटर लंबा सफर अब कम होकर सिर्फ 3 किलोमीटर सिमट गया है।

सड़क बन जाने से भेलकी के ग्रामीणों को होगा फायदा

कलेक्टर जनमेजय महोबे ने बताया कि कबीरधाम जिले का 45 प्रतिशत क्षेत्र वनांचल है। जहां पर विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा आदिवासी निवासरत है। बैगा समुदाय के लोग एक स्थान से दूसरे स्थान में जाने के लिए अक्सर पहाड़ों के बीच से पगडंडी से होकर आना-जाना करते हैं और ऐसे रास्ते उनके लिए परेशानियों से भरा होता है। भेलकी के ग्रामीणों ने 1.7 किलोमीटर घाट को काटकर सड़क बनाने की मांग रखी जिससे स्वीकृत कर उनकी मांगों और समस्याओं का समाधान किया गया। कार्य अब लगभग पूर्णता की ओर है जिससे आवागमन सुविधाजनक होगा और साथ में स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार का अवसर मिला है।  


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