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बचपन में हो गया था अनाथ, मेहनत ने दिया साथ, बन गए डिप्टी कलेक्टर, पढ़ें आशीष की सक्सेस स्टोरी

Chhattisgarh Boy Success Story: आशीष ने बताया कि उनकी जिंदगी में सबसे बड़ा दुख उनके मां-बाप की मौत है,10 साल की उम्र में ही उनके सिर से मां-बाप का साया छिन गया था।

डिप्टी कलेक्टर आशीष कुमार पेंद्रो
PSC Ashish Kumar Pendro Success Story: आपने वो कहावत तो सुनी होगी कि जो इंसान खुद को संघर्ष की भट्टी में डालकर तपस्या करता है, उसे ही सफलता मिलती है। छत्तीसगढ़ के एक बेटे ने इस कहावत को सही कर दिखाया है। इस लड़के के सिर से बचपन में ही मां-बाप का साया छिन गया था। इसके बाद भी छत्तीसगढ़ के इस बेटे ने हार नहीं मानी और कठिनाइयों का सामना करते हुए सिविल सेवा आयोग की परीक्षा पास की और डिप्टी कलेक्टर बन गया।

बचपन में मां-बार का निधन

हम बात कर रहे हैं डिप्टी कलेक्टर आशीष कुमार पेंद्रो की, जो छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के पोंडी उपरोड़ा ब्लॉक के बूढ़ापार गांव के रहने वाले हैं। आशीष कुमार ने बताया कि उनका पूरा जीवन संघर्षों से भरा हुआ रहा है। आशीष कुमार पेंद्रो का जन्म गरीब परिवार में हुआ था, जहां जीविका की बुनियादी जरूरतों के लिए भी काफी वित्तीय परेशानियां झेलनी पड़ती थी। आशीष पर दुखों का पहाड़ तब टूट पड़ा जब 10 साल की उम्र में उनके सिर से मां-बाप का साया छिन गया। आशीष के माता-पिता के निधन के बाद उनके चाचा ने उनका पालन-पोषण किया। यह भी पढ़ें: मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार महासमुंद पहुंचे सीएम विष्णुदेव, 10 लाख रुपये देने का किया ऐलान

कड़ी मेहनत के बाद बने डिप्टी कलेक्टर

आशीष ने अपनी गांव के सरकारी स्कूल से अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी की। बिलासपुर के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज से उन्होंने अपना ग्रेजुएशन पूरा किया। आशीष शुरू से ही पढ़ने में काफी अच्छे थे, इसलिए उन्होंने ग्रेजुएशन के बाद CGPSC की तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने अपने पहले ही अटेम्पट में वह एग्जाम क्रेक कर लिया और जिला सेनानी बन गए। आशीष अपनी रैंक से खुश नहीं थे, इसलिए उन्होंने एक बार फिर से परीक्षा दी और इस बार वह डिप्टी कलेक्टर बन गए। आशीष कहते हैं कि जिंदगी में परेशानियां आती रहेंगी, हमारा काम है सिर्फ आगे बढ़ना।


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