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छत्तीसगढ़ की महिलाओं ने रेशम के धागे से लिखी सफलता की कहानी, बताया कैसे कमा रहीं लाखों रुपये?

Chhattisgarh Women Empowerment: महिलाओं ने बताया कि उन्होंने रेशम विभाग के मार्गदर्शन की मदद से रेशम कृमिपालन और कोशाफल का उत्पादन, संग्रहण का काम शुरू किया।

छत्तीसगढ़ में महिला सशक्तिकरण
Chhattisgarh Women Empowerment: छत्तीसगढ़ में भाजपा की विष्णुदेव साय महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए तेजी से काम कर रही हैं। राज्य सरकार ने महिला सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, ताकि प्रदेश की महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें। वहीं प्रदेश की महिलाएं भी सरकार द्वारा चलाई जा रही इन योजनाओं का लाभ उठाते हुए सफलता की नई कहानियां लिख रही हैं। ऐसी ही सफलता की कहानी जांजगीर चांपा जिले के विकास खंड पामगढ़ के ग्राम खोरसी की महिलाओं ने लिखी हैं, ग्राम खोरसी की महिलाओं ने रेशम के धागे के साथ कामयाबी की मिसाल पेश की है।

महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने का सफर 

ग्राम खोरसी की महिलाओं का यह समूह रेशम विभाग के कोशा कृमिपालन से जुड़ने के बाद से आत्मनिर्भर बन गया है। इस समूह में अमरीका साहू, संतोषी साहू, निशा साहू, छटबाई साहू, दुलेश्वरी साहू और चंद्रीका साहू सहित कुल महिलाएं शामिल हैं। इन महिलाओं ने अर्जुन के पेड़ों पर रेशम से कोशाफल उत्पादन का काम शुरू किया है। महिलाओं ने बताया कि उन्होंने रेशम विभाग के मार्गदर्शन की मदद से स्वावलंबन समूह में शामिल हुईं। इसके बाद समूह की सभी महिलाओं ने जुड़कर रेशम कृमिपालन और कोशाफल का उत्पादन, संग्रहण का काम शुरू किया। यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ CM ने बच्चों को बांटे स्कॉलरशिप चेक, नौनिहालों पर प्यार लुटाते दिखे, बोले- इनका भविष्य उज्ज्वल बनाएंगे

हर साल कमा रही हैं लाखों रुपए

महिलाओं ने बताया कि उन्होंने विभागीय योजना और मनरेगा की मदद से 6.66 लाख रुपये की लागत के साथ 10 हेक्टेयर में 41 हजार साजा और अर्जुन के पौधे लगाए। आज यह पौधे 6 से 8 फीट के पेड़ बन चुके हैं। समूह की महिलाएं इन पेड़ों से हर साल 1 लाख रुपये तक की आमदनी कर रही हैं। इस काम के लिए महिलाओं को सरकार की तरफ से रेशम विभाग का पूरा साथ मिल रहा है।


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