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छत्तीसगढ़ चुनाव: नक्सल प्रभावित इलाके फिर बने सिर दर्द, तोड़ निकालने में जुटा प्रशासन

रायपुर: छत्तीसगढ़ चुनाव को लेकर प्रशासन ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसी के तहत प्रदेश में शांतिपूर्ण मतदान के लिए दो दिवसीय राज्यस्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें पुलिस मुख्यालय के आला अधिकारी शामिल हुए। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांतिपूर्ण मतदान का लक्ष्य डीजीपी अशोक जुनेजा ने पुलिस कांफ्रेंस हाल में कार्यशाला […]

रायपुर: छत्तीसगढ़ चुनाव को लेकर प्रशासन ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसी के तहत प्रदेश में शांतिपूर्ण मतदान के लिए दो दिवसीय राज्यस्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें पुलिस मुख्यालय के आला अधिकारी शामिल हुए।

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांतिपूर्ण मतदान का लक्ष्य

डीजीपी अशोक जुनेजा ने पुलिस कांफ्रेंस हाल में कार्यशाला के संबोधन के दौरान कहा कि मैदानी क्षेत्रों से लेकर पहाड़ी और नक्सल प्रभावित जिलों में शांतिपूर्ण मतदान का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए प्रशासन पूरी तरह तैयारियों में जुटा है। शांतिपूर्ण चुनाव के संबंध में सीमावर्ती व अन्य राज्यों के पुलिस महानिदेशकों के साथ इस पर रणनीति भी बन चुकी है। कार्यशाला के पहले दिन प्रदेश के 14 जिलों के नोडल अधिकारी एवं चुनाव सेल में पदस्थ पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया। यह भी पढ़ें-सरकार ने धान खरीदी का रिकॉर्ड बनाया, इस साल 125 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की आशा; सीएम बघेल

मतदान को प्लानिंग के साथ कराना जरूरी

कार्यशाला में आज बचे 19 जिलों के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। डीजीपी ने कहा कि किसी भी प्रजातांत्रिक व्यवस्था में जनप्रतिनिधियों का चुनाव महत्वपूर्ण होता है। निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण ढंग से मतदान कराने की पूरी जवाबदारी एनफोर्समेंट एजेंसी व अन्य संस्थाओं की होती है। उन्होंने आगे कहा कि मतदान को प्लानिंग प्रोसेस के साथ कराना आवश्यक है, क्योंकि जब आचार संहिता लागू होगी तो इसे समझने एवं इसके अनुरूप कार्यवाही करने में पुलिस अधिकारियों को समस्या न हो। कार्यशाला के प्रथम चरण में कुल 62 पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।


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