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Chhattisgarh: CM विष्णुदेव साय की सख्त कार्रवाई, सरकारी किताबों को कबाड़ में बेचने पर पाठ्य पुस्तक निगम के GM सस्पेंड

CM Vishnu Deo Sai News: छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा छापी गई एकेडमिक सेशन 2024-25 की किताबों को कबाड़ में बेचे जाने के मामले में सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है।

CM SAI NEWS
CM Vishnu Deo Sai News: छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कलेक्टर कान्फ्रेंस में भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस को लेकर सख्त निर्देश अधिकारियों को दिए थे। मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार को लेकर कड़ाई जमीनी स्तर पर भी उतनी ही सख्त नजर आ रही है। इसकी बानगी एक बार फिर सरकार की जल्दी कार्रवाई से दिखती है। बीते दिनों छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा छापी गई शैक्षणिक सत्र 2024-25 की नई किताबों को कबाड़ में बेचे जाने का मामला सामने आया था। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सिलयारी स्थित रियल बोर्ड पेपर मिल में छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा छापी गई साल 2024-25 सत्र की नई किताबें के कबाड़ में बेचे जाने की घटना के प्रकाश में आने पर तत्काल गंभीरतापूर्वक संज्ञान लेते हुए अपर मुख्य सचिव रेणु पिल्ले को इस घटना की जांच के निर्देश दिए थे। जांच के बाद छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के महाप्रबंधक राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर प्रेम प्रकाश शर्मा की लापरवाही सामने आने पर छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (Classification, Control and Appeal) नियम, 1966 के तहत तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है।

इन मामलों पर हो चुका है एक्शन

इसके पहले मामले में स्कूल शिक्षा विभाग के जांच दल की रिपोर्ट के आधार पर पाठ्यपुस्तक प्रभारी प्रमोद अमर बेल एक्का, भृत्य अजीत गुप्ता और सूरजपुर डीईओ कार्यालय में पदस्थ भृत्य जितेन्द्र साहू को निलंबित किया गया था। यह कार्रवाई सूरजपुर एसडीएम की जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई थी। इसके अलावा सूरजपुर जिला शिक्षा अधिकारी ने लोक शिक्षण संचालक को इस मामले की रिपोर्ट भी भेजी है। कलेक्टर एसपी कांफ्रेंस में कड़े तेवर दिखाने के बाद मुख्यमंत्री ने सस्पेंशन की इस कार्यवाही से यह साफ कर दिया है कि प्रशासनिक लापरवाही उन्हें बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं होगी। छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम का मामला सामने आने पर इस घटना की जांच का जिम्मा मुख्य सचिव के बाद सबसे सीनियर अधिकारी को देना यह साफ करता है कि इस राज्य में अब प्रशासनिक ढिलाई के दिन बीत चुके हैं। अगर किसी ने लापरवाही या भ्रष्टाचार किया, तो उस पर कार्यवाही जरूर होगी। बीते दिनों सीएम के रौद्र रूप कई प्रशासनिक निर्णयों में दिखे हुए हैं। सीएम शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विषयों में बिलकुल भी लापरवाही नहीं चाहते हैं। मुख्यमंत्री साय ने शासकीय दायित्वों के डिस्चार्ज रतने वाले लापरवाह अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कारवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि यह सुशासन की सरकार है और भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस है। किसी भी अधिकारी या कर्मचारी के द्वारा अपने शासकीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी तथा लापरवाह अधिकारियों पर तत्काल कड़ी कारवाई होनी चाहिए। ये भी पढ़ें-  छतीसगढ़ के निराला की ‘निराली’ प्रतिभा देख मोहित हुए CM विष्णुदेव साय, तारीफ के साथ दिए 11,000 रुपये


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