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छत्तीसगढ़ में सड़क किनारे बच्चे का जन्म; जच्चा मानसिक रूप से बीमार, नहीं बता पा रही परिजनों का नाम

Mentally ill Woman born Child on Roadside: छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में सड़क किनारे एक विक्षिप्त महिला ने बच्चे को जन्म दिया है। मामले की सूचना मिलते ही 108 संजीवनी एक्सप्रेस की टीम ने महिला और बच्चे को मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एमसीएच में भर्ती कराया गया। महिला इतनी विक्षिप्त है कि अपने परिजनों का नाम […]

Mentally ill Woman born Child on Roadside: छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में सड़क किनारे एक विक्षिप्त महिला ने बच्चे को जन्म दिया है। मामले की सूचना मिलते ही 108 संजीवनी एक्सप्रेस की टीम ने महिला और बच्चे को मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एमसीएच में भर्ती कराया गया। महिला इतनी विक्षिप्त है कि अपने परिजनों का नाम तक नहीं बता पा रही है।

डॉयल 108 ने महिला को अस्पताल पहुंचाया

यह मामला भट्ठीरोड स्थित एक निजी अस्पताल के पास का है, जहां पर सड़क किनारे बच्चे को जन्म देने की जानकारी जब लोगों को मिली, तो उन्होंने इसकी सूचना तुरंत डॉयल 108 को दी। मौके पर पहुंची एम्बुलेंस ने महिला को मेडिकल कॉलेज पहुंचाया, जहां महिला डॉक्टर ने बच्चे को एसएनसीयू वार्ड और महिला को लेबर वार्ड में दाखिल कराया है। डॉक्टर ने मां और बच्चे को स्वस्थ बताया है। महिला बच्चे के साथ सड़क किनारे कब से पड़ी थी, इस बात की जानकारी नहीं मिल पाई है।

हॉस्पिटल में गर्भनाल काटा गया

गायनी डिपॉर्टमेंट की एचओडी डॉ अविनाशी कुजूर ने बताया कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचने पर बच्चे का गर्भनाल काटा गया है और उन्होंने कहा कि अगर ज्यादा समय तक बच्चे का गर्भनाल नहीं काटा जाता, तो हालत बिगड़ सकती थी। उन्होंने कहा अनुमान है कि महिला ने बुधवार तड़के ही बच्चे को जन्म दिया होगा और कुछ ही घंटे में अस्पताल सुरक्षित पहुंच गई, अगर अधिक देर हुई होती, तो दोनों की जान को खतरा हो सकता था। यह भी पढ़ें-छत्तीसगढ़ DSP की सराहनीय पहल, शुरू किया ‘स्वच्छता अभियान’; रात में खुद फील्ड में कर रहीं सरप्राइज चैकिंग

परिजनों का नाम नहीं बता पा रही महिला

डॉ अविनाशी कुजुर ने बताया कि महिला अपने परिजनों का नाम नहीं बता पा रही है और पूछने पर वह गाली-गलौज करने लगती है। उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। एक सप्ताह पहले भी उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया था, लेकिन तब भी उसका यही बरताव था। उस समय वो अस्पताल से भाग गई थी। प्रसूता की मानसिक स्थित को देखते हुए अस्पताल के चिकित्सक और स्टाफ चिंतित हैं।, कि परिजन साथ नहीं हैं, इस हालत में महिला अपने बच्चे को कैसे रखेगी। फिलहाल बच्चे को मां से अलग निगरानी में रखा गया है।


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