Chhattisgarh CM On Bhumkal Memorial Day: बस्तर में शहीद गुंडाधुर के बलिदान दिवस के रूप में हर साल 10 फरवरी को सर्व आदिवासी समाज 'भूमकाल दिवस' के रूप में मनाता है। इस साल भी यह भूमकाल दिवस सर्व आदिवासी समाज ने धूमधाम से मनाया। 114वीं वर्षगांठ के मौके पर बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोगों द्वारा शहर में विशाल जुलूस निकाला गया।
देश की आजादी के लिए यहां अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ बस्तर में संघर्ष का शंखनाद करने के लिए भूमकाल की शुरूआत की गई थी। भूमकाल यानी जमीन से जुड़े लोगों का आंदोलन। इस मौके पर शहर में विशाल रैली निकाली गई।
क्या बोले मुख्यमंत्री साय?
राज्य के मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 फरवरी ही वह तारीख है जब 1910 में बस्तर के आदिवासियों ने अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन करने कि शुरुआत की थी। इस विरोध को बुलंद करने में आदिवादी जननायकों ने अहम भूमिका निभाई और खुद को न्यौछावर भी कर दिया।। इनमे से एक अमर बलिदानी गुंडाधुर के नेतृत्व में आदिवासियों ने भूमकाल विद्रोह में खुद के पास सीमित संसाधन होने के बावजूद अंग्रेजों के खिलाफ डटकर खड़े रहे और सामना भी किया।