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बिहार: नई कैबिनेट में ‘परिवारवाद’ को लेकर RJD ने NDA पर किया पलटवार, गिनाए 10 मंत्रियों के नाम

Bihar New Government: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने बिहार में नई सरकार के शपथग्रहण के बाद एनडीए के नेताओं पर ‘परिवारवाद’ को लेकर तंज कसा है. चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा और JDU ने आरजेडी (RJD) और कांग्रेस पर लगातार परिवारिक राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था. अब आरजेडी ने शपथ लेने वाले […]

Bihar New Government: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने बिहार में नई सरकार के शपथग्रहण के बाद एनडीए के नेताओं पर 'परिवारवाद' को लेकर तंज कसा है. चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा और JDU ने आरजेडी (RJD) और कांग्रेस पर लगातार परिवारिक राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था. अब आरजेडी ने शपथ लेने वाले कई मंत्रियों की लिस्ट शेयर की है, जिनके बीच पारिवारिक राजनीतिक कनेक्शन का दावा किया गया है. इस लिस्ट के जरिए आरजेडी ने एनडीए पर पलटवार करने की कोशिश की.

'परिवारवाद' के आरोपों पर घिरी एनडीए


आरजेडी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि शपथ लेने वाले कम-से-कम 10 मंत्री राजनीतिक परिवारों से आते हैं. इनमें सम्राट चौधरी, नितिन नवीन, श्रेयसी सिंह और अशोक चौधरी जैसे नाम शामिल हैं. सम्राट चौधरी पूर्व मंत्री शकुनी चौधरी और पूर्व विधायक दिवंगत पार्वती देवी के बेटे हैं. इसी तरह, दीपक प्रकाश के पिता उपेंद्र कुशवाहा केंद्र सरकार में मंत्री रह चुके हैं.

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वरिष्ठ नेताओं के रिश्तेदार बने मंत्री


संतोष सुमन मांझी, जो हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (एचएएम) से हैं, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के बेटे हैं. अशोक चौधरी पूर्व मंत्री महावीर चौधरी के बेटे हैं, वहीं लखीन्द्र कुमार रौशन भी राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं. रमा निषाद पूर्व केंद्रीय मंत्री कैप्टन जय नारायण निषाद की बहू और पूर्व सांसद अजय निषाद की पत्नी हैं. ललित यादव जैसे नेताओं का भी गहरा राजनीतिक पारिवारिक संबंध है.

10वीं बार मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार


नीतीश कुमार ने रिकॉर्ड 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनके साथ 25 नए मंत्री बने, जिनमें बड़ी संख्या में ‘पॉलिटिकल फैमिली’ से आने वाले विधायक हैं. शपथ समारोह पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए. एनडीए के सहयोगी दल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (एचएएम) के 80% विधायक वरिष्ठ नेताओं के रिश्तेदार हैं. भाजपा के 12.35% विजेता विधायक भी कबीलाई राजनीति से जुड़े हुए हैं, जबकि जेडीयू के 11 उम्मीदवार भी राजनीतिक परिवारों से हैं.


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