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प्रेग्नेंट गर्लफ्रेंड, थाने में शादी, पुलिसवाले बाराती; बिहार के सीतामढ़ी में हुआ यह अनोखा विवाह

बिहार में अनोखी शादी हुई है, जिसमें पुलिसवाले ही बाराती बने। थाने में बने मंदिर में ही शादी हुई और पुलिसवालों ने दूल्हा-दुल्हन को तोहफे भी दिए। प्रेमी जोड़े ने ही पुलिसवालों से मदद मांगी थी। आइए जानते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है?

(आदित्यनंद आर्य, सीतामढ़ी) बिहार के सीतामढ़ी जिले के महिला थाना परिसर में एक अनोखी शादी हुई। महिला थाना में सुरक्षा की मांग लेकर आए प्रेमी जोड़े की पुलिस वालों ने ही शादी कराई। लड़की 2 माह की गर्भवती थी और युवक उसे लेकर सुरक्षा मांगने आया था, लेकिन पुलिसवालों ने उन्हें अपनी सुरक्षा में लेते हुए उनके परिजनों को बुलाया। शादी के लिए सहमत किया और परिजनों की मौजूदगी में ही शिव मंदिर में उनकी शादी करा दी। इस शादी में पुलिसवाले ही बाराती बने, जिन्होंने नवविवाहित दंपति को तोहफे भी दिया। थानाध्यक्ष श्वेता स्वराज और महिला थाना पुलिस कर्मी इस शादी में मौजूद रहे। शादी थाना के मंदिर परिसर में बने शिव मंदिर में विधिपूर्वक संपन्न हुई। शादी में दोनों परिवारों के सदस्य और पुलिसकर्मी उपस्थित थे। थानाध्यक्ष श्वेता स्वराज ने अपनी निजी कोष से विवाह के लिए आवश्यक सभी सामग्रियां मंगवाईं और विवाह की सभी रस्मों को धार्मिक विधि से संपन्न कराया। पुलिसकर्मी इस अवसर पर बाराती के रूप में नजर आए, जिससे शादी का माहौल और भी भव्य हो गया। प्रेमी युगल को थानाध्यक्ष ने कपड़े और साजसज्जा की सामग्री उपहार में दी। आसपास के लोग भी इस अनोखी शादी को देखने पहुंचे तो इस दौरान उनका उत्साह भी देखने लायक था।  

2 माह की गर्भवती थी लड़की

सोनबरसा प्रखंड क्षेत्र के गांव सुपैना लोहखर निवासी स्वर्गीय रविन्द्र ठाकुर के बेटे संजीवन ठाकुर और बसतपुर निवासी स्वर्गीय भाग्य नारायण ठाकुर की बेटी खुशबू कुमारी के बीच 3 साल से प्रेम संबंध थे। इस बीच खुशबू 2 माह की गर्भवती हो गई। दोनों ने अपने परिजनों से इस संबंध में बात की, लेकिन उनके परिजन शादी करने के लिए तैयार नहीं थे। इसलिए संजीवन और खुशबू सुरक्षा मांगने के लिए महिला थाना पहुंचे। दोनों ने पुलिसवालों से सुरक्षा की गुहार लगाई।

प्रेमी युगल के परिजन हुए राजी

महिला थानाध्यक्ष ने संजीवन और खुशबू के परिजनों को थाना में बुलाया। घंटों चली बातचीत के बाद दोनों पक्षों के बीच सहमति बनी। शादी होने के बाद खुशबू को पत्नी के रूप में स्वीकार करके संजीवन उसे लेकर अपने घर चला गया। खुशबू ने कहा कि वह इस शादी वह काफी खुश है। वहीं संजीवन ने बताया कि उन्हें डर था कि परिवार वाले नहीं मानेंगे, इसलिए महिला थाना की शरण लेनी पड़ी। शादी को मान्य कराने के लिए ही थाना में शादी की है।  

क्या कहती हैं थानाध्यक्ष?

महिला थाना सीतामढ़ी की थानाध्यक्ष श्वेता स्वराज ने बताया कि प्रेमी युगल सुरक्षा को लेकर थाना आया था। दोनों ने लिखित रूप में शिकायत दी थी कि दोनों के परिजन उनकी शादी नहीं होने दे रहे है, जबकि वे बालिग हैं। दोनों के परिजनों को बुलाकर आपसी सहमति से थाना में ही उनकी शादी करा दी और दुल्हन को उसकी ससुराल के लिए रवाना किया।


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