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कौन था गोलू? जिसका PM मोदी ने किया भाषण में जिक्र, क्या थी मुजफ्फरपुर की घटना

Bihar elections: बिहार चुनाव के दौरान गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मुजफ्फरपुर विधान सभा सीट पर चुनाव प्रचार करने के लिए पहुंचे थे. इस दौरान पीएम मोदी ने मंच से 2001 की घटना की याद दिला शहर को सोचने पर मजबूर कर दिया. आखिर कौन था गोलू और क्या थी वह घटना? पढ़िए मुजफ्फरपुर से मुकुल कुमार की रिपोर्ट.

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Bihar elections: बिहार चुनाव के दौरान गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मुजफ्फरपुर विधान सभा सीट पर चुनाव प्रचार करने के लिए पहुंचे थे. इस दौरान पीएम मोदी ने मंच से 2001 की घटना की याद दिला शहर को सोचने पर मजबूर कर दिया. आखिर कौन था गोलू और क्या थी वह घटना? दरअसल घटना 2001 की है. जब मुजफ्फरपुर शहर के गोला बांध रोड के रहने वाले एक व्यापारी रतन कुमार के 10 वर्षीय इकलौते पुत्र गोलू का अपहरण कर लिया गया. दो बहनों के बाद जन्म लेने वाला गोलू अपने परिवार का लाडला और इकलौता वारिस था.

अपहृत गोलू की कर दी थी हत्या

उस वक्त बिहार में राजद की सरकार थी और मुजफ्फरपुर के एसपी नैय्यर हसनैन खान हुआ करते थे. तत्कालीन एसपी आज पुलिस महकमे के एक आला अधिकारी हैं. अपहरणकर्ताओं ने गोलू का अपहरण करने के बाद गोलू के परिजनों से अंतर्देशीय पत्र के माध्यम से फिरौती मांगी थी. परिजनों ने पैसों का इंतजाम शुरू किया, पर बड़ी रकम जुटाने में काफी वक्त लग गया. अपराधियों ने वक्त लगने और पैसे मिलने में देरी होने पर अपहृत गोलू की निर्मम हत्या कर दी थी. गोलू का शव शहर के पास सड़ी गली अवस्था मे मिला था. इधर शहर में कई दिनों से गोलू को लेकर धरना प्रदर्शन चल रहा था.

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जल उठा था मुजफ्फरपुर

गोलू की हत्या की खबर मिलते पूरे मुजफ्फरपुर के लोग गुस्से से उबाल पर आ गए. इस दौरान लोग सड़कों पर उतर आए और शहर बंद हो गया. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस थानों (नगर थाना, नाका थाना) और पिकेट्स पर हमला करना शुरू कर दिया. जिसे जो सरकारी संपत्ति खासकर पुलिस विभाग का मिली जनता उसे आग के हवाले कर दिया. खाकी वर्दीधारी शहर में खाकी पहनकर घूमने से डरने लगे और पूरा शहर जल उठा. दो दिनों तक पूरा शहर आम जनता के आक्रोश में जलता रहा और स्थिति तनावपूर्ण होती चली गयी.

पुलिस की अदूरदर्शिता

तत्कालीन पुलिस अधीक्षक जनता के मिजाज को भांप नही पाए. इस दौरान पुलिस टीम ने प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लाठीचार्ज कर दी थी और हवाई फायरिंग कर दी. पुलिस द्वारा किए गए हवाई फायरिंग में एक दर्जन से अधिक लोग जख्मी हो गए थे. जिसके कारण जनता और भड़क उठी. तत्कालीन राजद सरकार ने स्थिति का जायजा लेने के बाद रात के बारह बजे एसपी को हटाने का फैसला किया. सुबह मुजफ़्फ़रपुर की कमान पटना से भेजे गए IPS रविंद्र कुमार सिंह को सौंप दी गई. उस वक्त एसपी मुजफ्फरपुर का प्रभार लेने के लिये हेलिकॉप्टर से रविन्द्र सिंह को मुजफ्फरपुर भेजा गया था.

क्यों भड़का सरकार पर आक्रोश

इस घटना में बनाये गए कुल 32 नामजद आरोपियों में से कई चर्चित नाम थे. 2024 में केस दोबारा खुला. इस केस से जुड़े कई आरोपी आज राजनीति में हैं और उस मामले में जमानत पर चल रहे हैं. गोलू के पिता रतन कुमार बताते हैं कि पुलिस ने क्या किया, क्या नहीं किया हम लोगों को आजतक कोई जानकारी नही दी गई. पत्रकार ने जब यह सवाल किया कि आपके घर के बाहर ताला लगा रहता है, जबकि आपलोग घर के अंदर ही रहते हैं? जबाब में गोलू के पिता का जबाब था कि "हमलोग आज भी दहशत में रहते हैं."

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