TrendingVladimir PutinSwaraj Kaushalparliament winter session

---विज्ञापन---

राजनीति में आएंगे CM नीतीश के बेटे निशांत! फिजा का संकेत तो यही, बाकी इंजीनियर बाबू ही बता पाएंगे

Nishant Kumar join Politics: बिहार में जेडीयू के पुर्नजन्म के बाद अब पार्टी के नेता यह मांग कर रहे हैं कि नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार को पार्टी जाॅइन कर लेनी चाहिए। ऐसे में अब सवाल यह है कि उसकी सहयोगी बीजेपी के परिवारवाद के नारे का क्या होगा?

नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार
Nitish Kumar son Nishant Kumar join Politics: बिहार में कुछ दिनों पहले तक यह कहा जा रहा था कि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू की राजनीतिक संभावनाएं अब धीरे-धीरे समाप्त हो रही है। उनकी पार्टी से राज्य के मतदाता नाराज है। वे अब बिहार की राजनीति में धीरे-धीरे हाशिए पर चले जाएंगे। लेकिन लोकसभा नतीजों ने जेडीयू की नई संजीवनी दी है। नीतीश कुमार अचानक केंद्र की राजनीति में नरेंद्र मोदी की बैसाखी बन गए हैं। वे किंग मेकर बनकर सामने आए हैं। नीतीश कुमार की ढलती उम्र और पार्टी में नेतृत्व संकट के बीच अब जेडीयू के स्थानीय नेता यह मांग कर रहे हैं उनके बेटे निशांत कुमार को राजनीति में आ जाना चाहिए। इसके लिए वे कारण भी गिना रहे हैं। वे कहते हैं वे ईमानदार होने के साथ काफी धैर्यवान और शांत भी हैं। जेडीयू के नेता विद्यानंद विकल ने सोमवार को एक फेसबुक पोस्ट के जरिए मांग की कि नीतीश कुमार अपने बेटे निशांत कुमार मुख्यधारा की राजनीति में शामिल करें। विकल ने अपने पोस्ट में लिखा कि बिहार और जेडीयू को एक युवा नेता की तत्काल आवश्यकता है। निशांत में युवा नेतृत्व के सारे गुण मौजूद हैं। अगर निशांत जेडीयू में शामिल होते हैं तो यह पार्टी के लिए बहुत अच्छा होगा।

लाइमलाइट से दूर रहते हैं निशांत कुमार

विकल के अलावा जेडीयू के एक अन्य नेता परम हंस कुमार ने कहा कि निशांत के मन में धन या पद का लालच नहीं है। उन्होंने कहा कि सादगी पसंद निशांत राजनीति में आकर राज्य की सेवा कर सकते हैं। उन्हें राजनीति में आना चाहिए। अगर निशांत राजनीति में आते हैं तो यह पार्टी के साथ-साथ राज्य के लिए भी बहुत अच्छा होगा। हालांकि स्वयं निशांत कुमार की राजनीति में दिलचस्पी कभी नजर नहीं आई है। वे लाइमलाइट से दूर अपनी पेशेवर जिंदगी में जीते हैं। कुछ अवसरों पर वे अपने पिता के काम की तारीफ भी करते हैं।

पेशे से इंजीनियर हैं निशांत कुमार

बता दें कि 2007 में नीतीश कुमार की पत्नी मंजू सिन्हा के निधन के बाद से ही वे अपने पिता के साथ मुख्यमंत्री आवास में रह रहे हैं। पेशे से इंजीनियर होने के साथ निशांत का झुकाव अध्यात्म की ओर ज्यादा है। देश में क्षेत्रीय पार्टियों का इतिहास परिवारवाद का रहा है। जेडीयू की सहयोगी बीजेपी परिवार के खिलाफ है। ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि नीतीश कुमार इस टैग के परे जाकर क्या अपने बेटे को मुख्य धारा की  राजनीति में शामिल करेंगे।

क्षेत्रीय पार्टियों पर परिवारवाद का तमगा

गौरतलब है कि देश में क्षेत्रीय पार्टियों की कमान उनके परिवार के लोग ही संभालते नजर आए हैं। जैसे डीएमके में करुणानिधि के बेटे एमके स्टालिन, सपा में अखिलेश यादव, झामुमो में हेमंत सोरेन, बीजद में नवीन पटनायक, राजद में तेजस्वी यादव, शिवसेना में उद्धव ठाकरे और अकाली दल में सुखबीर सिंह बादल। ये भी पढ़ेंः  ‘यादव -मुसलमानों का कोई काम नहीं करूंगा…’ JDU सांसद के बयान पर बोली बीजेपी- सबके काम करेंगे ये भी पढ़ेंः नौकरी के नाम पर बिहार में ‘अय्याशी’, कंपनी बनाकर 200 लड़कियों से रेप, अबॉर्शन कराने के भी आरोप


Topics:

---विज्ञापन---