NDA Seat Sharing 2020 vs 2025: बिहार में 2020 में तीन चरणों (28 अक्टूबर, 3 और 7 नवंबर) में विधानसभा चुनाव हुए थे और 10 नवंबर को मतगणना हुई थी, इस बार 6 और 11 नवंबर को चुनाव होंगे और 14 नवंबर को मतगणना होगी. 2020 में भी बिहार में मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच ही था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए ने चुनाव लड़ा था. एनडीए में भाजपा को 110 सीटें मिलीं, जिसमें 74 सीटों पर उसे जीत मिली, जनता दल (यूनाइटेड) ने 115 सीटों पर चुनाव लड़ा और पार्टी के खाते में 43 सीटें आईं. इसके अलावा मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (VIP) ने 13 सीटों पर चुनाव लड़ा और 4 सीटें जीतीं. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) ने 7 सीटों पर चुनाव लड़ा और 4 सीटें जीतीं.
2020 और 2025 के एनडीए में कितना अंतर
2020 में भाजपा की 110 सीटों में लड़ी थी, 2025 में भाजपा 101 सीटों पर उतरेगी, यानी उसकी 9 सीटें कम हुई. वहीं, जनता दल (यूनाइटेड) ने भी पिछले चुनाव में 115 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, इस बार उसे 101 सीटों पर ही उम्मीदवार उतारने होंगे, यानी उसकी 14 सीटें कम हुईं. पिछले चुनाव में 7 सीटों पर चुनाव लड़ने वाले हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को इस बार 6 सीटों से संतोष करना पड़ेगा, हालांकि जीतन राम मांझी 15 सीटों की मांग कर रहे थे. मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (VIP) इस बार एनडीए का हिस्सा नहीं है, उसकी जगह चिराग पासवान की एलजेपी को 29 सीटों पर प्रत्याशी उतारने का मौका मिलेगा.
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नई एंट्री राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) के खाते में 6 सीटें
फरवरी 2023 में जनता दल (यूनाइटेड) से अलग होकर उपेंद्र कुशवाहा ने नई पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) बनाई थी. बिहार में यह पार्टी एनडीए का हिस्सा है. 2025 में सीट शेयरिंग में राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) की नई एंट्री हुई है, इसके खाते में भी छह सीटें आई हैं. पार्टी की विचारधारा कर्पूरी ठाकुर के आदर्शों पर आधारित है और यह किसानों, युवाओं और हाशिए पर पड़े समुदायों से जुड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करती है.
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2020 में चिराग पासवान ने किया था खेला
केंद्र के साथ एनडीए में गठबंधन में रहे लोक जनशक्ति पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनाव से पहले खेला कर दिया था. जनता दल (यूनाइटेड) पर लगातार हमलों के कारण चुनाव से पहले लोक जनशक्ति पार्टी के चिराग पासवान को भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ बातचीत करने के लिए दिल्ली बुलाया गया था, अंत में लोक जनशक्ति पार्टी ने यह कहते हुए गठबंधन छोड़ दिया कि वे जेडीयू के खिलाफ सभी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे लेकिन भाजपा के खिलाफ नहीं. अक्टूबर 2020 में चुनाव प्रचार के दौरान, भाजपा ने आधिकारिक तौर पर लोक जनशक्ति पार्टी से नाता तोड़ लिया और कहा कि बिहार में एनडीए में चार दल शामिल हैं.