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‘बिहार में वोट खरीदने के लिए 40000 करोड़ रुपये खर्च किए…’ जन सुराज पार्टी ने नीतीश सरकार पर लगाए ये आरोप

Bihar Elections: बिहार चुनाव में जन सुराज पार्टी द्वारा पहली बार चुनाव लड़ा गया था और एक भी सीट पर पार्टी का खाता नहीं खोल सकी. चुनाव नतीजों के एक दिन बाद पार्टी की तरफ से प्रेसवार्ता करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने कहा कि इस फंड को 'खैरात और मुफ्तखोरी में डायवर्ट' किया गया.

प्रेस वार्ता करते हुए

Bihar Elections: बिहार चुनाव में जन सुराज पार्टी द्वारा पहली बार चुनाव लड़ा गया था और एक भी सीट पर पार्टी का खाता नहीं खोल सकी. चुनाव नतीजों के एक दिन बाद पार्टी की तरफ से प्रेसवार्ता करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने कहा कि इस फंड को 'खैरात और मुफ्तखोरी में डायवर्ट' किया गया. कहा कि 'जून से लेकर चुनावों की घोषणा तक, नीतीश कुमार सरकार ने जनता के पैसे से लोगों के वोट 'खरीदने' के लिए 40000 करोड़ रुपये खर्च किए'. इसके अलावा आरोप लगाया कि सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने 2025 के विधानसभा चुनावों के लिए विश्व बैंक से मिले 14000 करोड़ रुपये के फंड को 'डायवर्ट' कर दिया.

महिला वोटरों को किया गया प्रभावित

इस दौरान उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि 'यह अभूतपूर्व था. विश्व बैंक से मिले ऋण में से 14000 करोड़ रुपये भी खैरात और मुफ्तखोरी में डायवर्ट कर दिए गए'. 'CM महिला रोजगार योजना' का जिक्र करते हुए कहा कि 'जिसके तहत दो चरणों के चुनाव से पहले राज्य में महिलाओं के बैंक खातों में 10000 रुपये हस्तांतरित किए गए थे, उन्होंने कहा कि 'यह पहली बार हुआ होगा कि आदर्श आचार संहिता के बावजूद मतदान से एक दिन पहले तक लोगों को पैसा मिलता रहा. यह उन महिलाओं को प्रभावित करने के लिए पर्याप्त था, जो शायद बहुत मुश्किल से गुज़ारा कर पाती थीं'. कहा कि 'बिहार में सत्ता बरकरार रखने वाला भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए), अगर जनता के पैसे का "वोट खरीदने के लिए दुरुपयोग" न किया गया होता, तो पूरी तरह से ध्वस्त हो जाता'.

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जंगल राज की वापसी के डर से एनडीए के साथ गए वोटर

उदय सिंह ने कहा कि 'कृपया याद रखें कि जब तक जन सुराज पार्टी ने 2,000 रुपये की वृद्धावस्था पेंशन का वादा नहीं किया था. तब तक सरकार ने पेंशन की राशि 700 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये प्रति माह नहीं की थी'. कहा कि 'जन सुराज पार्टी के मतदाताओं का एक वर्ग "राजद (राष्ट्रीय जनता दल) के शासन में जंगल राज की वापसी के डर से" एनडीए के साथ चला गया. इस दौरान पूर्व भाजपा सांसद ने कहा कि 'मैं कह सकता हूं कि राजद के शासन में जंगल राज की वापसी का डर था. हालांकि मैं यह नहीं कह रहा कि कोई जंगल राज था, लेकिन डर तो थां कई लोग, जो हमें मौका देते, उसी डर से एनडीए को वोट दे देते.'

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