Bihar Elections: वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने बुधवार को आश्वासन दिया कि महागठबंधन पूरी तरह से एकजुट है. उन्होंने और एआईसीसी बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव से मुलाकात की. इस दौरान अशोक गहलोत ने बताया कि महागठबंधन कल यानी गुरुवार को ताकत दिखाने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा. बताया कि 'आज एआईसीसी बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु के साथ लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव के साथ एक बेहद सकारात्मक बैठक हुई. बिहार में भारत गठबंधन पूरी तरह से एकजुट है और मजबूती के साथ चुनाव लड़ रहा है. इसके अलावा उन्होंने भाजपा की भी जमकर निशाना साधा.
कल होगी महागठबंधन की प्रेसवार्ता
उन्होंने बताया कि कल महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूरी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी." गठबंधन में कुछ सीटों पर दोस्ताना मुकाबले के बारे में आश्वासन देते हुए कहा कि यह कोई असामान्य बात नहीं है और महागठबंधन को कोई समस्या नहीं है. उन्होंने कहा कि '243 सीटों में, स्थानीय नेताओं और समीकरणों के कारण, कभी-कभी 5-7 सीटों पर दोस्ताना मुकाबले जैसी स्थिति पैदा हो जाती है. यह बहुत छोटी संख्या है, लेकिन इसे लेकर मीडिया में महागठबंधन के ख़िलाफ भियान चलाया गया, जबकि वास्तव में कोई समस्या ही नहीं है.' उन्होंने आगे कहा कि "बिहार अब बदलाव चाहता है और पूरे बिहार की जनता समझती है कि राज्य में भारत-नेपाल गठबंधन की जीत देश और राज्य के हित में है." महागठबंधन में लगभग 12 सीटें ऐसी हैं जहां कम से कम दो सहयोगियों ने नामांकन दाखिल किया है.
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चिराग पासवान ने साधा निशाना
वहीं लोजपा नेता चिराग पासवान ने कहा कि पहला मतदान होने से पहले ही गठबंधन टूट गया. "महागठबंधन में जिस तरह से अंदरूनी कलह चल रही है और गठबंधन पूरी तरह से बिखर गया है, उसके बाद भी अगर वे सोच रहे हैं कि वे सत्ता में आ जाएंगे, तो मुझे लगता है कि यह किसी 'मुंगेरी लाल के सपने' से कम नहीं है. आज इतने दिनों बाद उन्होंने मीडिया को संबोधित किया. वे इतने दिनों से कहां थे? आज महागठबंधन में सब कुछ खत्म होने के बाद अशोक गहलोत बिहार आए हैं. राहुल गांधी कहाँ हैं? क्या वरिष्ठ नेताओं की जिम्मेदारी नहीं है कि वे बैठकर समझदारी से चीजों को सुलझाएं? इससे पता चलता है कि जो गठबंधन अपनी पार्टियों को एकजुट नहीं रख सकता, वह बिहार की 14 करोड़ जनता को कैसे एकजुट रखेगा?" पासवान ने कहा कि "ये लोग या तो गठबंधन बनाना नहीं जानते या गठबंधन को बरकरार रखना नहीं जानते. बिहार की जनता समझ गई है कि वे राज्य को उनके हाथ में नहीं देने वाले हैं. जो नतीजे हमने हरियाणा में देखे, वही नतीजे हम बिहार में महागठबंधन के लिए देखने वाले हैं."
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