Lalu Yadav bungalow News: लालू प्रसाद यादव के महुआ बाग स्थित बंगले पर उठे सवालों को लेकर चिराग पासवान ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. चिराग पासवान ने कहा कि “लैंड फॉर जॉब” मामले की जड़ में ही कई अनियमितताए्ं रही हैं और यदि उस बंगले के आवंटन अथवा स्वामित्व में किसी तरह की विसंगति पाई गई तो वह भी जांच के दायरे में आएगा. सरकार की मंशा स्पष्ट है,कानून से ऊपर कोई नहीं. दोषी को संरक्षण नहीं मिलेगा और निर्दोष को परेशान नहीं किया जाएगा. नेशनल हेराल्ड मामले में चिराग पासवान ने कहा कि सोनिया गांधी के खिलाफ नई जांच जारी है और यह पूरी प्रक्रिया तथ्यों के आधार पर आगे बढ़ेगी.
जो भी दोषी होगा, बचेगा नहीं
पटना में मीडिया से बातचीत के दौरान लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने दो महत्वपूर्ण मामलों पर अपना स्पष्ट रूख जताया. चिराग ने कहा, “जो भी दोषी होगा, बचेगा नहीं, लेकिन किसी निर्दोष पर गलत कार्रवाई भी नहीं की जाएगी. रिपोर्ट आने दीजिए, कानून अपना काम करेगा.” राजनीतिक हलकों में चिराग की इस टिप्पणी को सख्ती का संकेत माना जा रहा है, खासकर उन मामलों में जिन पर फिलहाल जांच एजेंसियों की पैनी नजर है
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तीन बड़े राजनीतिक मुद्दों पर बोले गिरिराज सिंह
पटना में आयोजित मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने लालू प्रसाद यादव के महुआ बाग स्थित नए बंगले को लेकर आरोप लगाया कि “लालू यादव ने भ्रष्टाचार से ही अपनी संपत्ति खड़ी की है. यह नया बंगला भी उसी भ्रष्टाचार की ‘कीर्ति’ का प्रतीक है. यदि इसकी नींव संदिग्ध पाई गई, तो यह भी जांच के दायरे में आएगा.”
निर्दोष के खिलाफ गलत कार्रवाई नहीं होगी
इससे पहले उन्होंने नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर फिर से दर्ज केस का ज़िक्र करते हुए कहा कि “कानून अपना काम करता है, इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. यदि कोई दोषी पाया जाएगा, तो वह बच नहीं पाएगा.” उन्होंने यह भी जोड़ा कि किसी निर्दोष के खिलाफ गलत कार्रवाई नहीं होगी और आगे की प्रक्रिया जांच रिपोर्ट पर निर्भर करेगी.
जिहाद का मतलब कत्लेआम नहीं
इसके बाद गिरिराज सिंह ने मौलाना मदनी के उस विवादित बयान पर प्रतिक्रिया दी जिसमें अल्पसंख्यकों पर जुल्म होने पर ‘जिहाद’ की बात कही गई थी. केंद्रीय मंत्री ने कड़े शब्दों में कहा, “भारत कानून से चलने वाला देश है. कानून जिहाद नहीं समझता. जिहाद का मतलब कत्लेआम नहीं है, और ऐसे शब्दों की भारत में कोई जगह नहीं है.”
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