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‘…जो कुत्ते को काटे’, असदुद्दीन ओवैसी से जुड़े सवाल पर बिहार गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान के बिगड़े बोल

पूरे देश में वक्फ संशोधन एक्ट को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है। इस बीच बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने इस एक्ट का समर्थन किया। इस दौरान असदुद्दीन ओवैसी से जुड़े सवाल पर आरिफ मोहम्मद खान के बोल बिगड़ गए।

बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान
सौरभ कुमार, पटना बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर कहा कि स्थिति चाहे जो भी हो, जो कोई भी (लोगों को) बांटने की कोशिश करेगा, कुरान में लिखा है कि उसे दंडित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वक्फ ने गरीब और कमजोर वर्ग के मुस्लिमों के लिए कुछ नहीं किया। वक्फ वालों ने गरीब बच्चों के लिए न तो कोई स्कूल बनाया और न ही गरीबों की मदद की। कार्यक्रम अंत में मीडिया ने पूछा कि असदुद्दीन ओवैसी कहते हैं कि वक्फ के जरिए सबकुछ खत्म किया जा रहा है, जिसपर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि आपको हर वक्त उस आदमी की तलाश है, जो कुत्ते को काटे, लेकिन वे इसे इग्नोर करते हैं, इस बात का जवाब नहीं देना चाहते हैं। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने पटना के बापू सभागार में आयोजित मिल्लत बचाओ, मुल्क बचाओ कॉन्फ्रेंस में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इसके जरिए कमजोर अल्पसंख्यक को एससी/एसचटी एक्ट 1989 में शामिल करने की मांग रखी गई। इस दौरान गवर्नर ने मिलकर मुल्क बचाओ के डॉ. एजाज अली की बातों को खारिज करते हुए कहा कि जब देश में सबको एक समान अधिकार मिला है, तब अपने को कोई कमजोर माने यह सबसे बड़ी कमजोरी है। यह भी पढ़ें : ‘वे कभी हमारी गोद में आकर बैठ जाते तो कभी…’, नेशनल हेराल्ड केस में मल्लिकार्जुन खड़गे ने BJP को घेरा

मांगने वाला हमेशा कमजोर होता है : आरिफ मोहम्मद खान

उन्होंने कहा कि मांगने वाला हमेशा कमजोर होता है, इसलिए हमेशा देने वाला बनना चाहिए, लेकिन जिनके पास देने को था, उन्होंने नहीं दिया। इसकी वजह से वक्फ संशोधन कानून लाना पड़ा। अगर वक्फ जरूरतमंद और गरीबों की मदद करता तो इसकी जरूरत नहीं थी, लेकिन वक्फ ने गरीब बच्चों के लिए एक स्कूल तक नहीं खोला।

'मुस्लिम धर्मगुरु बच्चे अमेरिका में पढ़ते हैं, लेकिन गरीबों के बच्चे मदरसा में'

बिहार के राज्यपाल ने कहा कि कुरान कहता है कि जिनके पास जरूरत से ज्यादा है, उसे जरूरतमंदों में खर्च करना चाहिए। गैर मुस्लिम गरीबों के लिए भी कुरान में मदद की बात है, लेकिन वक्फ ने कुछ नहीं किया। उन्होंने आगे कहा कि मुस्लिम धर्मगुरु यानी अमीर के बच्चे अमेरिका में पढ़ते हैं, जबकि गरीबों के बच्चे मदरसा में पढ़ते हैं। गरीब मुसलमान कहते हैं कि मदरसों को बचाना है। देवबंद के भी दो भाग हो गए, वे अपने संपत्ति के लिए लड़ रहे हैं और गरीब मुसलमान उनके लिए जोश में हैं, लेकिन जोश नहीं होश वाले आगे बढ़ेंगे।

ख्वाहिश के लिए जी तोड़ मेहनत और जुनून की जरूरी : बिहार राज्यपाल

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि वे प्रधानमंत्री को मंच की मांगों से अवगत करा देंगे, लेकिन ख्वाहिश करने से कुछ नहीं मिलता है, अपनी ख्वाहिश के लिए जी तोड़ मेहनत और जुनून से हर चाहत पूरी होती है। समाज के कमजोर वर्ग अपने अंदर झांके और सकारात्मक प्रयास से अपनी तकदीर बदले। यह भी पढ़ें : नीतीश कुमार को एक और बड़ा झटका, JDU के पूर्व विधायक ने दिया इस्तीफा, जानें क्या है वजह?


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