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Bihar Election Result: तारापुर सीट के “सम्राट” साबित हुए Deputy CM, 45 हजार से ज्यादा वोटों से जीते

Bihar Election Result: बिहार के मुंगेर जिले की चर्चित तारापुर विधानसभा सीट पर डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने जीत दर्ज की है. उन्होंने आरजेडी के अरुण शाह को एक तरफा मुकाबले में जबरदस्त मात दी है.

Bihar Election Result: बिहार के मुंगेर जिले की चर्चित तारापुर विधानसभा सीट पर डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने 45 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की है. उन्होंने RJD के अरुण शाह को एक तरफा मुकाबले में जबरदस्त मात दी है. उनके इस प्रदर्शन से भाजपा में खुशी की लहर है. सम्राट की गिनती भाजपा के चर्चित चेहरों में होती है. वह लगातार अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में बन रहते है.

पहले राउंड से बनाई बढ़त

आज सुबह जैसे ही बिहार चुनाव में तारापुर सीट पर काउंटिंग शुरू हुई उसके तुरंत बाद से ही डिप्टी सीएम सम्राट ने बढ़त बना ली. 5 राउंड तक वह करीब 6 हजार वोट से आगे रहे. इसके बाद जैसे-जैसे काउंटिंग आगे बढ़ी सम्राट के वोटों का अंतर बढ़ता गया. उनकी जीत के पीछे उनकी कड़ी मेहनत और मोदी का मैजिक माना जा रहा है.

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राजनीतिक विरासत और संघर्षों की कहानी

शकुनी चौधरी के राजनीतिक वारिस सम्राट चौधरी ने 1990 में सक्रिय राजनीति में कदम रखा. 1995 में एक राजनीतिक मामले में उन्हें 89 दिन जेल में भी रहना पड़ा. 1999 में जब वे राबड़ी सरकार में कृषि मंत्री बने, तो उनकी उम्र को लेकर काफी विवाद उठा. 2000 और 2010 में वे परबत्ता से विधायक चुने गए. 2014 में नगर विकास मंत्री रहे. 2018 में आरजेडी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए और बाद में एनडीए सरकार में पंचायती राज मंत्री भी बने. लंबे अंतराल के बाद वे फिर मैदान में हैं और इसी वजह से यह चुनाव उनके लिए विशेष रूप से अहम माना जा रहा है.

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तारापुर की राजनीतिक पृष्ठभूमि

इस सीट की सबसे बड़ी पहचान सम्राट चौधरी परिवार से गहरा नाता है. सम्राट चौधरी के पिता शकुनी चौधरी यहां से छह बार विधायक रहे. तीन बार आरजेडी, एक-एक बार समता पार्टी, कांग्रेस और एक बार बतौर निर्दलीय जीत हासिल कर चुके हैं. पूर्व शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी भी दो बार जेडीयू के विधायक रहे. 2020 में मेवालाल चौधरी की जीत के बाद उनके निधन के चलते 2021 में उपचुनाव हुआ, जिसमें जेडीयू के राजीव सिंह ने आरजेडी प्रत्याशी अरुण साह को पराजित किया.

इस बार का चुनावी माहौल

पहले चरण में 6 नवंबर को हुई वोटिंग में 58.33 फीसदी मतदान दर्ज किया गया. इस बार सीट बीजेपी को मिली, जिससे विधानसभा क्षेत्र का राजनीतिक संतुलन और भी रोचक हो गया है. 2020 में जेडीयू के मेवालाल चौधरी ने आरजेडी के दिव्य प्रकाश को हराया था, जबकि एलजेपी की मीना देवी तीसरे स्थान पर रही थी.

जातीय समीकरण में सम्राट ने की सेंध

तारापुर की राजनीति हमेशा से स्थानीय मुद्दों से ज्यादा जातिगत समीकरणों पर टिकी रही है. कुशवाहा समुदाय यहां निर्णायक भूमिका निभाता है. यादव मतदाता भी अच्छी संख्या में मौजूद हैं. वैश्य, राजपूत और अन्य सवर्ण वर्ग भी परिणामों को प्रभावित करते हैं. इन जातीय समीकरणों में चौधरी परिवार की पारंपरिक पकड़ और सम्राट चौधरी की व्यक्तिगत पहचान दोनों ही कारण इस बार के चुनाव में स्रमाट को जीत मिली. माना जा रहा है कि सम्राट ने हर वर्ग के मतदाता में सेंधमारी कर जीत हासिल की.

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