Bihar 3 Rail Projects: बिहार में इन दिनों जहां विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों के बीच खींचतान जारी है। वहीं, इस बीच बिहार में कई विकास कार्यभी शुरू किए जा रहे हैं। इसके साथ ही राज्य में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, रेल और रोड कनेक्टिविटी को भी मजबूत किया जा रहा है। इसी कड़ी में 3 और नए रेल प्रोजेक्ट जुड़ गए हैं। जिससे बिहार की रेल कनेक्टिविटी और ज्यादा बेहतर हो जाएगी। हाल ही में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 3 नए रेल प्रोजेक्ट की घोषणा की है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ऐलान करते हुए बताया कि बिहार में जल्द ही भागलपुर-जमालपुर तीसरी लाइन, बख्तियारपुर-राजगीर-तिलैया दोहरीकरण और रामपुरहाट-भागलपुर दोहरीकरण रेल प्रोजेक्ट पर काम पूरा हो जाएगा।
भागलपुर-जमालपुर तीसरी लाइन
भागलपुर-जमालपुर तीसरी लाइन प्रोजेक्ट में 1156 करोड़ रुपये की लागत लगेगी, जिसकी लंबाई 53 किलोमीटर होगी। इस प्रोजेक्ट के तहत पूर्व रेलवे के मालदा रेल मंडल के अंतर्गत साहेबगंज लूपलाइन पर स्थित भागलपुर और जमालपुर रेलवे स्टेशनों के बीच तीसरी रेलवे लाइन बिछाने की तैयारी चल रही है। इससे बिहार में ट्रेनों का परिचालन और भी ज्यादा सरल और आसान हो जाएगा। साथ ही इससे ट्रेनें टाइम पर स्टेशन पहुंचेंगी और ट्रेनों की लेटलतीफी कम होगी। इससे ज्यादा फायदा उन मालगाड़ियों को होगा जो ECL राजमहल से बिहार के उत्तर और पूर्वोत्तर जिलों में कोयला लेकर जाती हैं।
बख्तियारपुर-राजगीर-तिलैया दोहरीकरण
बख्तियारपुर-राजगीर-तिलैया दोहरीकरण में 2017 करोड़ रुपये की लागत लगेगी। 104 किलोमीटर लंबे इस प्रोजेक्ट से बिहार के 3 बड़े जिले पटना, नालंदा और नवादा जिले प्रभावित होंगे। इस प्रोजेक्ट से इन जिलों में ट्रेनों की संख्या और उनका परिचालन बढ़ेगा। इससे इन जिलों की सीधी रेल कनेक्टिविटी बेहतर होगी। अभी ये प्रोजेक्ट अपने निर्माण के पहले चरण में हैं; उम्मीद की जा रही है कि अगले 4-5 सालों में ये प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा।
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रामपुरहाट-भागलपुर दोहरीकरण
रामपुरहाट-भागलपुर दोहरीकरण की लंबाई 177 किलोमीटर हो गई है। 3000 करोड़ रुपये की लागत से पूरा होने वाला ये प्रोजेक्ट सिर्फ बिहार को झारखंड और पश्चिम बंगाल से जोड़ेगा। इससे बिहार के भागलपुर, पश्चिम बंगाल के बीरभूम और झारखंड के दुमका के बीच रेल सेवाएं और ज्यादा बेहतर होंगी। इस दोहरीकरण के बाद बिहार से पश्चिम बंगाल और झारखंड के बीच सफर में लगने वाला समय बहुत कम हो जाएगा। हालांकि, अभी इसका कोई सटीक अंदाजा सामने नहीं आया है।