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Asad Encounter: बेहद गोपनीय था असद और गुलाम का एनकाउंटर, 10 पॉइंट्स में समझें ‘ऑपरेशन झांसी’

Asad Encounter: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 24 फरवरी को विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके दो सुरक्षा गार्डों की सरेआम हत्या कर दी गई। इस घटना के बाद 25 फरवरी को उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में खुलकर कहा था कि माफिया को मिट्टी में मिला […]

Asad Encounter: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 24 फरवरी को विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके दो सुरक्षा गार्डों की सरेआम हत्या कर दी गई। इस घटना के बाद 25 फरवरी को उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में खुलकर कहा था कि माफिया को मिट्टी में मिला देंगे...। इसके बाद यूपी पुलिस और यूपी एसटीएफ ने उमेश पाल हत्याकांड के आरोपियों की तलाश शुरू की। एसटीएफ ने 28 फरवरी को अरबाज और 6 मार्च को उस्मान चौधरी को प्रयागराज में मुठभेड़ के दौरान मार गिराया। फिर पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी। 13 अप्रैल को यूपी एसटीएफ ने फिर से एक बड़ी कार्रवाई की और अतीक के बेटे असद और शूटर गुलाम को झांसी में एनकाउंटर में ढेर कर दिया। लेकिन पुलिस सूत्रों की मानें तो झांसी में गुरुवार का हुआ असद और गुलाम का एनकाउंटर एक बेहद गोपनीय और सावधानीपूर्वक योजना का परिणाम था।

इस दस प्रमुख बिंदुओं से समझें 'ऑपरेशन झांसी'

1. उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा कि उसे गुप्त सूचना मिली थी कि असद और उसका सहयोगी गुलाम अतीक अहमद को ले जा रहे पुलिस के काफिले पर हमला करने की योजना बना रहे थे। उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी गैंगस्टर अतीक अहमद को प्रयागराज की अदालत में सुनवाई के लिए यूपी लाया गया था, जिसे यूपी स्पेशल टास्क फोर्स ने नाकाम कर दिया था। 2. यूपी के विशेष महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने खुलासा किया कि असद ने अपने पिता को मुक्त कराने की योजना की खुफिया जानकारी के बाद सिविल पुलिस और विशेष बलों की टीमों को तैनात किया गया था। 3. एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि जब असद अपने साथी गुलाम के साथ बाइक पर जा रहा तो सूचना के आधार पर पहुंची पुलिस की दो टीमों ने उन्हें रोका। 4. सूचना के आधार पर कार्रवाई की गई और दोपहर 1 बजे के आसपास जवाबी गोलीबारी में दोनों मारे गए। एडीजी ने कहा कि एसटीएफ ने पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया। यह भी पढ़ेंः झांसी एनकाउंटर के बाद शूटर गुलाम की मां बोली- गंदे काम का यही नतीजा, सरकार ने बिल्कुल सही किया 5. टीओआई की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि एसटीएफ पहले से ही झांसी के घटनाक्रम पर नजर रख रही थी, क्योंकि उसे पता चला कि अतीक के सहयोगी और उमेश पाल हत्याकांड के एक आरोपी गुड्डू मुस्लिम का एक ठिकाना जंगल के पास था। मुठभेड़ वाला इलाका पारीछा पावर प्लांट की ओर जाने वाला मार्ग है। 6. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने एक मीडिया रिपोर्ट में कहा है कि उनका ध्यान हटाने के लिए 11 अप्रैल से झांसी सीमा के पास भारी बल तैनात किया गया था, जब अतीक अहमद को प्रयागराज लाया जा रहा था। उनके अलावा सादे कपड़ों में एक विशेष पुलिस दल गुड्डू मुस्लिम के होने वाले संभावित इलाके का सर्वेक्षण कर रहा था। 7. पुलिस मुख्यालय से निगरानी और तकनीकी सहायता से पारीछा पावर प्लांट के क्षेत्र के पास गुप्त रूप से एक छोटी-सी टीम तैनात की गई थी। टीम का नेतृत्व डीआईजी रैंक के अधिकारी कर रहे थे। 8. टीओआई ने अधिकारी के हवाले से कहा कि 12 अप्रैल को गुड्डू मुस्लिम के ठिकाने पर रात की गतिविधि देखी गई। इसके बाद टीमों को चार मार्गों पर तैनात किया गया। बाद में बुलेटप्रूफ जैकेट से लैस एक टीम को किसी भी संभावित खतरे का सामना करने के लिए तैयार किया गया, जबकि एक अन्य टीम को पड़ोसी जिलों में निगरानी के लिए सतर्क किया गया। 9. गुरुवार को पुलिस ने कहा कि मुठभेड़ दोपहर 12:45 बजे हुई, जब दो टीमों ने कानपुर-झांसी राजमार्ग पर 19 वर्षीय असद और 40 वर्षीय गुलाम को रोका। 10. पुलिस ने कहा कि असद और गुलाम के पास से एक ब्रिटिश बुलडॉग रिवाल्वर .455 बोर और वाल्थर P88 7.63 बोर पिस्तौल बरामद की गई। उत्तर प्रदेश की खबरों के लिए यहां क्लिक करेंः-


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