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मस्जिदों पर लाउडस्पीकर के बाद MNS का ‘हलाल’ विरोध, पार्टी नेता ने पत्र में कही ये बात

इंद्रजीत सिंह, मुंबई: मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकरों के विरोध के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अब ‘हलाल’ को लेकर आंदोलन की तैयारी में है। एमएनएस नेता यशवंत किल्लेदार ने एक पत्र जारी करके कहा है कि देश की सबसे बड़ी टेरर फंडिंग और विश्व स्तर पर 7 ट्रिलियन की इकोनामी वाली “हलाल” के विरोध में अब […]

इंद्रजीत सिंह, मुंबई: मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकरों के विरोध के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अब 'हलाल' को लेकर आंदोलन की तैयारी में है। एमएनएस नेता यशवंत किल्लेदार ने एक पत्र जारी करके कहा है कि देश की सबसे बड़ी टेरर फंडिंग और विश्व स्तर पर 7 ट्रिलियन की इकोनामी वाली "हलाल" के विरोध में अब लड़ने की जरूरत है। इसलिए आम जनता से "No to Halal" अभियान चलाने की अपील की है। यशवंत किल्लेदार ने पत्र में लिखा है कि हलाल इस्लाम में जानवरों को मारने का क्रूरता पूर्ण तरीका है। जबकि इसके विपरीत हिंदू सिख और क्रिश्चियन धर्म के लोगों में झटका तरीके से मांस खाया जाता है। हाल के दिनों में हलाल तरीके से जानवरों को मारने के व्यवसाय में तेजी आई है जिसके चलते झटका मांस और उसे बेचने वाले खटीक और वाल्मीकि समाज लुप्त हो रहे है। इस समाज का परंपरागत व्यवसाय इनसे छीना जा रहा है, नतीजतन दूसरे धर्म के लोगों को हलाल तरीके से कटा हुआ मांस खाना पड़ रहा है। हलाल की मोनोपली तोड़कर वाल्मीकि और खटीक समाज के लोगों को उनका व्यवसाय वापस दिलवाना ही इस लड़ाई के पीछे का मुख्य मकसद है। पत्र में लिखा है कि मीट सहित अन्य शाकाहारी उत्पादों जैसे चिप्स, बिस्किट, लिपस्टिक, चॉकलेट, आइसक्रीम इत्यादि चीजों में भी जमीयत-उलेमा-ए-हिंद का हस्तक्षेप बढ़ रहा है और इनसे कमाए हुए मुनाफे का एक हिस्सा सीधे तौर पर आतंकवादी और देश विरोधी गतिविधियों में इस्तेमाल किया जा रहा है। आम जनता को इसकी भनक तक नहीं है कि अपनी मेहनत के पैसों से जो चीजें खरीदते हैं उसी पैसे का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने के लिए किया जा रहा है । इसलिए हम सबको मिलकर इसे बंद करना चाहिए इसीलिए "नो टू हलाल" मुहिम शुरू करना अनिवार्य है। एक संघर्ष खड़ा करने की जरूरत है और हम सब को इस संघर्ष में शामिल होना है।


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