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‘हमारे पास तो बच्चे थे…’, सरफराज अहमद ने चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल पर दिया बड़ा बयान

नई दिल्ली: पाकिस्तान ने चैंपियंस ट्रॉफी 2017 में भारत के खिलाफ 180 रनों से ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। इस जीत के बाद तत्कालीन कप्तान सरफराज अहमद रातोंरात हीरो बन गए थे। हालांकि छह साल बाद पाकिस्तान क्रिकेट काफी बदल गया है। सरफराज अब कप्तान नहीं हैं और उन्हें टेस्ट टीम में वापसी के लिए […]

Sarfaraz Ahmed Champions Trophy Final 2017
नई दिल्ली: पाकिस्तान ने चैंपियंस ट्रॉफी 2017 में भारत के खिलाफ 180 रनों से ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। इस जीत के बाद तत्कालीन कप्तान सरफराज अहमद रातोंरात हीरो बन गए थे। हालांकि छह साल बाद पाकिस्तान क्रिकेट काफी बदल गया है। सरफराज अब कप्तान नहीं हैं और उन्हें टेस्ट टीम में वापसी के लिए संघर्ष भी करना पड़ा।

सामान्य मैच होता, तो इतनी बड़ी बात नहीं होती

सरफराज ने अब 2017 चैंपियंस ट्रॉफी के अनुभवों को साझा किया है। सरफराज का कहना है कि ये उनके करियर का सबसे यादगार पल है। सरफराज ने द नादिर अली पोडकास्ट पर कहा- चैंपियंस ट्रॉफी जीतना ऐसी मेमोरी है, जिसे मैं कभी नहीं भूल सकता। भारत के खिलाफ फाइनल में जीत को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। अगर यह एक सामान्य मैच होता, तो इतनी बड़ी बात नहीं होती। फाइनल में हमने जीत हासिल की थी। हमने भारत के खिलाफ पहले भी आईसीसी इवेंट्स, द्विपक्षीय सीरीज में अधिक जीत हासिल की है, लेकिन चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल खास है। और पढ़िए - IPL 2023: अब आएगा मजा…आईपीएल में 4 साल बाद इस खास चीज की वापसी, बिग स्क्रीन पर फ्री में मिलेगा टूर्नामेंट का लुत्फ

हमारे वालों के दूध के दांत टूटने बाकी थे

सरफराज ने आगे कहा- कोई भी स्कोर उनके लिए काफी नहीं था। भारत में एमएस धोनी, रोहित शर्मा, शिखर धवन, युवराज सिंह, विराट कोहली थे, जबकि हमारे पास ऐसे खिलाड़ी थे जिनके दूध के दांत टूटने बाकी थे। हमारे बच्चे थे, जो आज पाकिस्तान क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं। और पढ़िए - IPL 2023, GT vs CSK: जानिए कैसी है नरेंद्र मोदी स्टेडियम की पिच, किसे मिलेगा फायदा?

कोई तुलना ही नहीं थी

बाबर आजम, हसन अली, शादाब खान फहीम अशरफ ये सभी युवा खिलाड़ी थे। अगर आप उनकी टीम की तुलना हमारी टीम से करेंगे, तो कोई तुलना ही नहीं थी। हमारे पास मोहम्मद हफीज और शोएब मलिक के रूप में केवल 2 अनुभवी खिलाड़ी थे। बाकी लोग कच्चे और नए थे। उन्होंने आगे कहा- जब मैंने एक कप्तान के रूप में अपना पहला मैच खेला, तो मैं बहुत दबाव में था। मैं परिणाम नहीं जानता था। एक खिलाड़ी के रूप में खेलना अलग है। इसलिए जब हम फाइनल में पहुंचे तो हडल में मैंने खिलाड़ियों को सिर्फ कही- देखिए दोस्तो, जिस तरह का क्रिकेट हमने खेला है, पाकिस्तान क्रिकेट के इतिहास में ऐसी वापसी शायद ही कभी देखने को मिलेगी। चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल तक पाकिस्तान का सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा। पाकिस्तान की टीम फाइनल तक जैसे-तैसे पहुंची थी। और पढ़िए - खेल से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहाँ पढ़ें


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