‘भूल जाना तुम सचिन के बेटे हो’, अर्जुन को तराशने के लिए युवराज के पिता ने रखी थी शर्त
नई दिल्ली: अर्जुन तेंदुलकर के उपर इस बात दवाब हमेशा होता है कि वो दुनिया के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के बेटे हैं। अर्जुन ने भी अपने पिता की तरह क्रिकेट को अपना करियर चुना। वो 9 साल की उम्र से क्रिकेट खेल रहे हैं। उनके प्रदर्शन पर पूरे देश की नजर रहती है। ऐसे में एक अतरिक्त बोझ उनके कंधों पर हमेशा रहता होगा। लेकिन सारे दवाब को झेलते हुए अर्जुन तेंदुलकर ने अपने पहले ही रणजी मैच में शतक जड़ दिया। ये ठीक वैसा ही था जैसा उनके पिता ने 34 साल पहले किया था। सचिन ने भी 1988 में डेब्यू पर सेंचुरी मारी थी।
नए अवतार में दिखे अर्जुन
अर्जुन पहले मुंबई के लिए खेलते थे। लेकिन इस सीजन में वो गोवा के लिए खेलने लगे। ऐसा इसलिए क्योंकि मुंबई की टीम में उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिलते थे। नई टीम के साथ अर्जुन तेंदुलरक नए रूप में नजर आए। उनके इस नए अवतार के पीछे एक दिग्गज क्रिकेटर के पिता का हाथ है। अर्जुन की इस कामयाबी के पीछे वाले योगराज सिंह। युवी के पिता ने रणजी से पहले अर्जुन को ट्रेनिंग दी। उनसे कहा था- भूल जाओ कि तुम्हारे पिता सचिन तेंदुलकर हैं। तुम्हें अपने आपको उभारना है।
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15 दिनों के लिए चंडीगढ़ में थे अर्जुन
दिलचस्प बात यह है कि पूर्व भारतीय क्रिकेटर योगराज ने एक शर्त के तहत तेंदुलकर के बेटे अर्जुन को प्रशिक्षित करने का फैसला किया। योगराज, जिन्होंने अपने बेटे युवराज को विश्व क्रिकेट में सबसे महान खिलाड़ियों में से एक बनने के लिए प्रशिक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अर्जुन के लिए चंडीगढ़ में अपने छोटे लेकिन उपयोगी प्रवास के दौरान 'बूट कैंप' स्थापित किया।
योगराज ने कहा "सितंबर के पहले सप्ताह में, मुझे युवी (युवराज) का फोन आया, उन्होंने कहा, 'पिताजी, अर्जुन दो सप्ताह के लिए चंडीगढ़ में रहेंगे और सचिन ने अनुरोध किया है कि क्या आपके पास उन्हें प्रशिक्षित करने का समय है'। मैं कैसे मना कर सकता था। सचिन के लिए वह मेरे बड़े बेटे की तरह है। लेकिन मेरी एक शर्त थी। मैंने युवी से कहा, 'तुम मेरे प्रशिक्षण के तरीके को जानते हो और मैं नहीं चाहता कि कोई हस्तक्षेप करे।"
दो घंटे की दौड़ में फिर जिम सेशन
योगराज ने खुलासा किया कि पूर्व क्रिकेटर के साथ चंडीगढ़ में अर्जुन का दो सप्ताह का प्रवास कुछ और नहीं बल्कि तेंदुलकर के बेटे के लिए बूट कैंप जैसा अनुभव था। सुबह 5 बजे उठने के बाद अर्जुन दो घंटे की दौड़ में भाग लेते थे, जिसके बाद एक जिम सत्र होता था, जहां वे भारी वजन नहीं उठाते थे। योगराज ने अर्जुन को बॉडीवेट व्यायाम करने की सलाह दी जो संभावित चोट की संभावना को कम कर सकता है।
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'विध्वंसक क्रिकेटर बनेगा अर्जुन'
उन्होंने कहा “मैंने उनसे कहा था कि उन्हें अगले 15 दिनों के लिए भूल जाना चाहिए कि वह सचिन तेंदुलकर के बेटे हैं। मुझे लगता है कि कोचों ने उसका मजाक उड़ाया क्योंकि वह तेंदुलकर का बेटा है। मैंने उससे कहा कि उसे अपने पिता के साये से बाहर निकलने की जरूरत है। जब मैंने उसे बल्लेबाजी करते देखा तो मुझे लगा कि यह खिलाड़ी विध्वंसक हो सकता है। मैंने तुरंत सचिन और युवराज को फीडबैक दिया। मैंने सचिन को फोन किया और उनसे पूछा कि उन्होंने अर्जुन की बल्लेबाजी पर ज्यादा ध्यान क्यों नहीं दिया।"
दिग्गज बल्लेबाज तेंदुलकर द्वारा अपना पहला शतक दर्ज करने के चौंतीस साल बाद, उनके बेटे अर्जुन ने बुधवार को रणजी ट्रॉफी में वही उपलब्धि हासिल की। गोवा के अर्जुन ने पोरवोरिम के गोवा क्रिकेट एसोसिएशन अकादमी ग्राउंड में 207 गेंदों में 120 रन की पारी खेली।
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