Shubman Gill: भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज शुभमन गिल ने शनिवार को पंजाब के खिलाफ शानदार शतक जड़कर अपनी खोई हुई फॉर्म हासिल की। पहली पारी में फेल रहे गिल ने दूसरी पारी में 171 गेंदों पर 102 रन की धांसू पारी खेली। उनकी इस पारी में 14 चौके और तीन छक्के शामिल रहे। हालांकि टीम के लिए उनका यह शतक काम नहीं आया, जहां उसे कर्नाटक के खिलाफ पारी और 207 रनों से हार झेलनी पड़ी। उन्होंने अब रेड बॉल क्रिकेट में अपने संघर्ष के बारे में बात की है।
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रेड बॉल से बैटिंग करना चिंता का विषय है- गिल
उन्होंने 'पीटीआई' से बात करते हुए कहा, 'मेरे लिए रेड बॉल से बैटिंग करना चिंता का विषय है। कभी-कभी मुझे लगता है कि मैं रेड बॉल से 25-30 रन बहुत अच्छे बनाता हूं, लेकिन कई बार बड़ा स्कोर बनाने में सक्षम होने के बावजूद खुद पर बहुत ज्यादा दबाव डाल लेता हूं। मुझे लगता है कि मैं इस तरह से अपना गेम नहीं खेल पाया हूं और कभी-कभी अपना ध्यान और एकाग्रता खो देता हूं।'
बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में फुस्स रहा था गिल का बल्ला
बता दें कि इस युवा खिलाड़ी ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की बॉर्डर-गावस्कर सीरीज खेली थी। गिल को इस सीरीज में तीन मैच खेलने का मौका मिला, जहां उनके बल्ले से सिर्फ 93 रन ही निकले। इस दौरान 31 रन उनका बेस्ट स्कोर रहा। 25 साल के गिल चोट के कारण पहले टेस्ट मैच में नहीं खेल पाए थे और बाद में खराब फॉर्म की वजह से उन्हें मेलबर्न में खेले गए सीरीज के चौथे टेस्ट से बाहर होना पड़ा था।
टेस्ट क्रिकेट में कुछ खास नहीं है गिल का रिकॉर्ड
दाएं हाथ के इस बल्लेबाज को कई सालों से भारतीय बैटिंग यूनिट का भविष्य माना जा रहा है, लेकिन रेड बॉल क्रिकेट में उनका रिकॉर्ड ज्यादा अच्छा नहीं है। उन्होंने 32 टेस्ट की 59 पारियों में अब तक 35 की औसत से पांच शतकों के साथ सिर्फ 1893 रन बनाए हैं। हालांकि टीम मैनेजमेंट ने उन पर अपना भरोसा बनाए रखा है और उन्हें 2025 चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारतीय वनडे टीम का उप-कप्तान नियुक्त किया है।
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