Mirabai Chanu, World Weightlifting Championships 2025: टोक्यो ओलंपिक की सिल्वर मेडलिस्ट और भारत की वेटलिफ्टिंग क्वीन मीराबाई चानू ने एक बार फिर देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है. नॉर्वे के फोर्डे में आयोजित वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप 2025 में उन्होंने 48 किलोग्राम भार वर्ग में शानदार प्रदर्शन करते हुए रजत पदक जीता. मीराबाई ने कुल 199 किलोग्राम (84 किग्रा स्नैच और 115 किग्रा क्लीन एंड जर्क) भार उठाकर न सिर्फ पोडियम पर जगह बनाई, बल्कि भारत को तीन साल बाद इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में मेडल दिलाने वाली खिलाड़ी भी बनीं. गोल्ड मेडल उनसे महज 12 किलोग्राम दूर रहा, लेकिन उनकी दमदार वापसी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि बड़े मंच पर मीराबाई का कोई तोड़ नहीं.
मीराबाई चानू ने 48 किलोग्राम भार वर्ग हिस्सा लिया था. इस कैटेगरी में उन्होंने कुल 199 किलोग्राम वजन उठाया. 84 किग्रा स्नैच में जबकि 115 किग्रा क्लीन एंड जर्क में उठाकर दिखाया. इतने वजन के दम पर उन्होंने सिल्वर मेडल अपने नाम किया. वहीं गोल्ड जीतने वाली एथलीट का नाम रि सोंग गुम हैं, जिन्होंने गोल्ड मेडल जीता. नार्थ कोरिया की इस एथलीट ने कुल 213 किलोग्राम का भार उठाया. वहीं चीन की थान्याथन ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया.
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मीराबाई चानू ने ऐसे रचा इतिहास
इस बार सिल्वर मेडल जीतने वालीं मीराबाई चानू ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में इतिहास रचा है. वो इस टूर्नामेंट के इतिहास में भारत के लिए सबसे ज्यादामेडल जीतने वाली तीसरी वेटलिफ्टर बन गई हैं. उनके नाम कुल 3 मेडल हो गए हैं. चानू ने इससे पहले साल 2017 (Anaheim) विश्व चैंपियनशिप में के 48 किलोग्राम वर्ग में गोल्ड जीता था. 2022 (Bogota) में उन्होंने 49 किलोग्राम वर्ग में सिल्वर मेडल जीता था और एक बार फिर सिल्वर पर कब्जा किया है.
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भारत को मिला 18वां मेडल
वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में भारत का ये 18वां मेडल है. देश के नाम अब तक इस टूर्नामेंट में कुल 3 गोल्ड, 10 सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज आ चुके हैं. यह सभी महिलाओं ने ही दिलाए हैं.
भारत के लिए किसने जीते सबसे ज्यादा विश्व चैंपियनशिप मेडल
मीराबाई चानू तीसरी ऐसी प्लेयर बन गई हैं, जिन्होंने भारत के लिए 2 से ज्यादा बार विश्व चैंपियनशिप खिताब जीत है. उनसे पहले कुंजरानी देवी और कर्णम मल्लेश्वरी ये कमाल कर चुकी हैं. कुंजरानी ने इस प्रतियोगिता में 7 बार (1989, 1991, 1992, 1994, 1995, 1996, 1997) रजत पदक जीता था, वहीं मल्लेश्वरी ने 1994, 1995 में गोल्ड और 1993, 1996 में ब्रॉन्ज (कुल 4) मैडल अपने नाम किए थे.
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