World Championships 2025: पेरिस में चल रही वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप 2025 में भारत की स्टार शटलर पीवी सिंधु का सफर खत्म हो गया है. क्वार्टरफाइनल में उन्हें इंडोनेशिया की पुत्री कुसुमा वर्दानी के खिलाफ शिकस्त मिली. पीवी सिंधु राउंड ऑफ-16 में दुनिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी चाइना की वांग जी यी को मात देकर आई थीं. उन्होंने 21-19, 13-21, 21-15 से जीत दर्ज करके सभी को चौंका दिया था, लेकिन क्वार्टरफाइनल में उन्हें वर्ल्ड रैंक-9 प्लेयर कुसुमा वर्दानी के खिलाफ हार मिली.
क्वार्टरफाइनल में सिंधु ने वर्दानी के सामने पहला गेम 14-21 से गंवाया. फिर दूसरे गेम में 21-13 से दबदबा बनाकर मैच बराबरी पर ला दिया, लेकिन आखिरी गेम में हार गईं.
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निर्णायक गेम था रोमांचक
निर्णायक गेम में पुत्री कुसुमा वर्दानी ने 16-21 से बाजी मारी.तीसरे गेम में बेहद कांटे दिखी. सिंधु ने 16-18 तक बराबरी बनाए रखी थी, लेकिन आखिर में 2 गलत फैसलों और वर्दानी के स्मैश ने फर्क डाला. मिड-गेम ब्रेक पर वर्दानी 11-9 से आगे थी, फिर बाद में सिंधु ने प्रयास किया, लेकिन स्कोर 16-21 पर समाप्त हुआ सिंधु की हार तय हो गई और जोरदार वापसी के बावजूद भारतीय स्टार पदक की दौड़ से बाहर हो गईं. यह मुकाबला 64 मिनट तक चला.
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पीवी सिंधु का सपना टूटा
पीवी सिंधु को इस मुकाबले में 14-21, 21-13, 16-21 से हार मिली. इस हार के साथ ही पीवी सिंधु का छठा वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में छठा पदक जीतने का सपना टूट गया. सिंधु ने 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप जीती थी, वो इस टूर्नामेंट में अब तक पांच पदक जीत चुकीं हैं, अगर वो यह मुकाबला जीत लेतीं तो चीनी स्टार झांग निंग को आसानी से पीछे छोड़कर टूर्नामेंट में इतिहास रच सकती थीं.
वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में कैसा है पीवी सिंधु का रिकॉर्ड
वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में पीवी सिंधु का रिकॉर्ड बढ़िया है. 30 साल की ये स्टार सबसे ज्यादा बार वर्ल्ड चैंपियनशिप मेडल जीतने वाली भारतीय है. सबसे पहले साल 2012 में उन्होंने कांस्य जीता था. फिर एक साल बाद कोपेनहेगन में फिर से कांसा अपने नाम किया. फिर साल 2017 में ग्लास्गो में खेले गए इवेंट में फाइनल तक का सफर किया, लेकिन हार मिली. 2018 में भी ऐसा ही हुआ. फिर साल आया 2019 जिसमें सिंधु ने बासेल में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा था. इस तरह उनके पास कुल 6 मेडल हैं.
2 बार ओलंपिक मेडल जीत चुकी हैं पीवी सिंधु
ये वही पीवी सिंधू हैं, जिन्होंने 2016 रियो और 2020 टोक्यो ओलिंपिक में मेडल जीते थे. साल 2022 के कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीता और फिर सिंगापुर ओपन अपने नाम किया, लेकिन इसके बाद से वो उस लय में नहीं दिखीं. पेरिस ओलिंपिक 2024 में मेडल नहीं आया और अब वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप 2025 में भी मेडल से चूक गईं.