Mohammed Siraj: भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज मौजूदा चैम्पियंस ट्रॉफी में नहीं खेल रहे हैं। पिछले कुछ सालों से टीम के लिए तीनों फॉर्मेट में खेलने वाले सिराज को अनुभवी गेंदबाज होने के बाद भी चैंपियंस ट्रॉफी की टीम से बाहर कर दिया गया, जहां उनकी जगह अर्शदीप सिंह और हर्षित राणा जैसे कम अनुभवी बॉलर्स को खिलाया गया। 2024 में हुए टी-20 वर्ल्ड कप के बाद से सिराज ने ज्यादातर रेड बॉल क्रिकेट ही खेली है। ऐसे में उन पर बीसीसीआई के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा है।
बीसीसीआई की पॉलिसी के अनुसार, सभी फॉर्मेट में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को ए+ और ए कैटेगरी में रखा जाता है। मौजूदा समय में ए ग्रेड कैटेगरी में छह खिलाड़ी शामिल हैं, जिसमें आर अश्विन, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, केएल राहुल, शुभमन गिल और हार्दिक पांड्या का नाम शामिल है।
इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं अश्विन
इनमें से अश्विन ने अब इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। राहुल और गिल के प्रदर्शन को देखते हुए उनके ए+ कैटेगरी में प्रमोट किए जाने की संभावना है। इसके अलावा हार्दिक और शमी के ए ग्रेड कैटेगरी में बरकरार रहने की उम्मीद है। इस तरह सिराज ही हैं, जिनका डिमोशन तय लग रहा है।
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चैम्पियंस ट्रॉफी की टीम में शामिल नहीं हैं सिराज
सिराज का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पिछले कैलेंडर ईयर में आया था, जहां उन्होंने 27 पारियों में 39 विकेट चटकाए थे। हालांकि बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान जसप्रीत बुमराह का पर्याप्त समर्थन नहीं करने के लिए उनकी आलोचना भी हुई थी। ऑस्ट्रेलिया में लगातार खराब प्रदर्शन के बाद उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ लिमिटेड ओवर सीरीज और चैंपियंस ट्रॉफी के लिए वनडे टीम से बाहर कर दिया गया।
साल 2024 में वनडे और टी-20 में सिराज ने क्रमशः 3 और 6 मैचों में सिर्फ 3 और 2 विकेट ही ले पाए थे। यह व्हाइट बॉल फॉर्मेट में उनका सबसे खराब प्रदर्शन है जो बीसीसीआई के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में उनके डिमोशन का कारण बन सकता है। सिराज का टेस्ट टीम में अपना स्थान बनाए रखना निश्चित है, लेकिन व्हाइट बॉल के फॉर्मेट में उनका भाग्य अधर में लटका हुआ है।
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