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Stop Clock की टेस्ट में एंट्री, ODI में यूज होगी 2 बॉल, बाउंड्री पर कैच लेना हुआ मुश्किल, ICC के नए नियम लागू

आईसीसी ने कई नियमों में बदलाव कर दिया है। व्हाइट बॉल के बाद अब टेस्ट क्रिकेट में भी स्टॉप क्लॉक नियम की एंट्री हो गई है।

Team India
ICC New Rules: आईसीसी ने अपने कई नियमों में बदलाव कर दिया है। अब वनडे क्रिकेट में शुरुआती 34 ओवरों के अंदर दो गेंदों का इस्तेमाल किया जाएगा, जिसके बाद फील्डिंग टीम को एक गेंद चुनने का चांस मिलेगा। इसके साथ ही व्हाइट बॉल के बाद अब टेस्ट क्रिकेट में भी स्टॉप क्लॉक नियम की एंट्री हो गई है। 60 सेकंड के अंदर नया ओवर एक इनिंग में 3 बार शुरू ना करने की स्थिति में फील्डिंग टीम पर 5 रन की पेनल्टी लगाई जाएगी। वहीं, बाउंड्री लाइन पर अब कैच पकड़ने के नियम में भी आईसीसी ने बड़ा बदलाव कर दिया है।

स्टॉप क्लॉक की टेस्ट में एंट्री

व्हाइट बॉल के बाद अब टेस्ट क्रिकेट में भी स्टॉप क्लॉक की एंट्री हो गई है। अब हर टीम को 60 सेकंड के अंदर अगला ओवर शुरू करना अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं करने पर अंपायर फील्डिंग टीम को दो बार वॉर्निंग देंगे। तीसरी बार यह गलती दोहराए जाने पर फील्डिंग टीम को 5 रन की पेनल्टी झेलनी होगी। पहली दो वॉर्निंग 80 ओवर तक मान्य होगी। इसके बाद फिर से यह चक्र चलेगा।

वनडे में यूज होगी दो बॉल

वनडे क्रिकेट में शुरुआती 34 ओवरों तक दो गेंद यूज होगी। इसके बाद फील्डिंग टीम के पास इन दो गेंदों में से किसी एक बॉल को चुनने का अधिकार होगा। माना जा रहा है वनडे क्रिकेट में रिवर्स स्विंग को वापस लाने के लिए आईसीसी ने यह कदम उठाया है।

बाउंड्री पर कैच लेना हुआ मुश्किल

बाउंड्री लाइन पर कैच पकड़ने के नियम में भी आईसीसी ने बड़ा बदलाव किया है। अब बाउंड्री लाइन पर कैच पकड़ने की कोशिश में अगर कोई फील्डर गेंद को हवा में फेंकता है, तो वह बाउंड्री लाइन के उस पार रहते हुए सिर्फ एक ही बार गेंद को पकड़ सकता है। कैच को पकड़ते हुए फील्डर बाउंड्री लाइन के अंदर ही होना चाहिए।

फील्डिंग टीम को मिलेगा अधिकार

बल्लेबाज अगर जानबूझकर शॉर्ट रन लेता है, तो इस स्थिति में बैटिंग टीम पर 5 रन की पेनल्टी लगाई जाती है। अब इस नियम के साथ ही फील्डिंग टीम को यह अधिकार दे दिया गया है वह इस बात का चुनाव कर सकती है कि दोनों बल्लेबाजों में से कौन से एक बैटर स्ट्राइक लेगा।

कनकशन प्रोटोकॉल में बदलाव

आईसीसी ने कनकशन प्रोटोकॉल में भी बड़ा बदलाव किया है। अब हर टीम को मैच के शुरुआत में ही कनकशन रिप्लेसमेंट के लिए प्लेयर्स को नॉमिनेट करना होगा। पिछले कुछ समय में कनकशन के नियम को लेकर घरेलू टीम काफी फायदा उठाती हुई नजर आई थी। इसी कारण यह फैसला लिया गया है। कनकशन का शिकार होने वाले खिलाड़ी को अब सात दिन की मेडिकल निगरानी में रखा जाएगा और इसके बाद ही वह मैदान पर लौट पाएगा।


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